Student Death: नेपाल में बीटेक तृतीय वर्ष की छात्रा ने फांसी लगाकर दी अपनी जान, विवादों में घिरे KIIT के संस्थापक अच्युत सामंत

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अच्युत सामंत, जो KIIT (कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी) के संस्थापक हैं, उस समय विवादों में घिर गए थे जब नेपाल की बीटेक तृतीय वर्ष की छात्रा, प्रकृति लामसाल ने आत्महत्या कर ली थी।

काठमांडू: आज, 21 फरवरी, 2025 को कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) के संस्थापक अच्युत सामंत को नेपाली छात्रों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद एक उच्च स्तरीय समिति के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया। यह कदम मोहन माझी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उठाया गया, जिसने एक समिति का गठन किया है ताकि छात्रों की कथित आत्महत्या के कारणों और विश्वविद्यालय प्रशासन की कथित मनमानी की जांच की जा सके। इसके साथ ही, आरोप है कि विश्वविद्यालय ने केवल विशिष्ट छात्र समूह को नोटिस जारी किया और संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया।

अधिकारीयों ने केआईआईटी के कर्मचारियों और छात्रों से की बातचीत

गृह सचिव सत्यव्रत साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव सुभा शर्मा और उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद अग्रवाल ने परिसर का दौरा किया और केआईआईटी के कर्मचारियों और छात्रों से बातचीत की। इस दौरे के दौरान, श्री सामंत से समिति ने उन्हें इस मामले में पर्याप्त दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा था।

श्री अच्युत सामंत, जो एक प्रसिद्ध शैक्षणिक उद्यमी हैं, पहले बीजू जनता दल के टिकट पर राज्यसभा और लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं। उन्होंने 1992 में एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के साथ अपना उद्यम शुरू किया था। भुवनेश्वर स्थित एक कॉलेज में प्रयोगशाला सहायक के रूप में साधारण शुरुआत करने के बाद, उन्होंने तेजी से सफलता हासिल की।

क्या हैं पूरा मामला?

यह घटना केआईआईटी के लिए एक गंभीर विवाद का कारण बनी, जब नेपाल की बीटेक कंप्यूटर साइंस की तीसरे वर्ष की छात्रा प्रकृति लामसाल ने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद संस्थान पर आरोप लगे कि उन्होंने सभी नेपाली छात्रों को जबरन परिसर से बाहर निकाल दिया था। इसके अलावा, कुछ कर्मचारियों द्वारा की गई नस्लवादी टिप्पणियाँ भी विवाद का कारण बनीं, जिसमें कहा गया कि केआईआईटी में छात्रों के कल्याण पर खर्च किया जा रहा धन नेपाल के राष्ट्रीय बजट से अधिक हैं।

इस घटना ने कूटनीतिक विवाद भी पैदा किया, जिससे संस्थान की छवि को नुकसान पहुँचा। श्री अच्युत सामंत ने विवाद के बाद प्रकृति के पिता और चाचा से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त की। इसके बाद, उन्होंने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घोषणा की कि केआईआईटी नेपाल के छात्रों के लिए एक विशेष छात्रवृत्ति शुरू करेगा। उनका यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए था कि भविष्य में प्रकृति जैसे प्रतिभाशाली छात्र बिना किसी बाधा के अपनी शिक्षा पूरी कर सकें।

इस पहल को लेकर संस्थान की तरफ से यह संदेश दिया गया कि वे छात्रों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इस प्रकार के घटनाओं को फिर से होने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। 

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