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US Lawmakers के POK दौरे से भारत नाराज़, US सांसदों को दी चेतावनी

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पाकिस्तान में अमेरिकी सांसदों को कश्मीर से जुड़ा गिफ्ट मिला, PoK यात्रा पर भारत भड़का। विदेश मंत्रालय ने सख्त विरोध जताया, इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताया।

PoK Visit Controversy: अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के पाकिस्तान पहुंचने और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात करने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस डेलिगेशन में जैक बेर्गमैन, थॉमस सोउजी और जोनाथन जैक्सन जैसे प्रभावशाली US lawmakers शामिल हैं, जिनकी पाकिस्तान में मौजूदगी को कूटनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

सबसे ज्यादा विवाद तब बढ़ा जब पाकिस्तान आर्मी चीफ ने उन्हें जो गिफ्ट भेंट किया, उस पर “कश्मीर” अंकित था। इसके तुरंत बाद सांसदों के पीओके (Pakistan-occupied Kashmir) की राजधानी मुजफ्फराबाद के दौरे की खबरें सामने आईं, जिसने भारत को भड़का दिया।

भारत ने जताया तीखा विरोध

भारत सरकार ने इस प्रस्तावित यात्रा पर तीखा विरोध जताते हुए इसे भारत की संप्रभुता और भू-राजनीतिक वास्तविकताओं के खिलाफ बताया। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, PoK भारत का अभिन्न अंग है और वहां किसी भी देश के प्रतिनिधियों का इस प्रकार का दौरा पूरी तरह अनुचित और अस्वीकार्य है।

पहले भी उठ चुकी है आपत्ति 

पाकिस्तान की इस चाल का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गलत नैरेटिव गढ़ना है, जिसमें पीओके की वास्तविक स्थिति को तोड़-मरोड़कर दिखाया जाए। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना इस यात्रा का उपयोग अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के सांसदों को प्रभावित करने और अपने पक्ष में राजनीतिक माहौल बनाने के लिए कर रही है। इससे पहले 2022 और 2023 में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की पीओके यात्रा पर भी भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसके बाद अमेरिका को सफाई देनी पड़ी थी कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है।

पाकिस्तान की मंशा पर उठे सवाल 

हालांकि, अब फिर से इस तरह की गतिविधियों से भारत की कूटनीतिक स्थिति को चुनौती देने की कोशिश हो रही है। भारतीय रणनीतिक विशेषज्ञ इसे पाकिस्तान की प्रायोजित रणनीति बता रहे हैं, जिसमें एकतरफा जानकारी देकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित किया जा रहा है। भारत ने साफ किया है कि वह इस तरह की किसी भी गतिविधि को स्वीकार नहीं करेगा और PoK पर उसकी स्थिति अटल है।

ये घटनाएं एक बार फिर बता रही हैं कि पाकिस्तान कूटनीतिक तौर पर दबाव में है और अंतरराष्ट्रीय समर्थन पाने के लिए भ्रामक हथकंडों का सहारा ले रहा है। वहीं, भारत ने अमेरिका समेत सभी वैश्विक भागीदारों को चेताया है कि इस मुद्दे पर कोई भी गैर-जिम्मेदाराना कदम दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

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