फ्लोरिडा में मिल्टन तूफान ने तबाही मचाई है। इस चक्रवात को सबसे खतरनाक कैटेगरी में रखा गया है और इसके बारे में कई कंस्पिरेसी थ्योरीज भी चर्चा में हैं। कहा जा रहा है कि यह एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि मानव निर्मित है, जिसका उद्देश्य अगले महीने होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर प्रभाव डालना है। इसके अलावा, अन्य थ्योरीज भी अलग-अलग प्रकार के आरोप लगा रही हैं।
Hurricane Milton: अमेरिका के फ्लोरिडा में लगभग 20 लाख लोग बिना बिजली के रहने के लिए मजबूर हैं, और इसका कारण है मिल्टन तूफान। यह तूफान तूफानों की सबसे विनाशकारी श्रेणी 5 में आता है, जिसके चलते हमेशा ही जान-माल का बड़ा नुकसान होता आया है। इस बार इस तूफान को लेकर कई कंस्पिरेसी थ्योरीज़ भी सामने आ रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि मिल्टन केवल कुदरत का कहर नहीं है, बल्कि यह एक सोची-समझी साजिश है जिसका उद्देश्य अमेरिकी चुनावों पर प्रभाव डालना है।
मिल्टन तूफान ने फ्लोरिडा में दी दस्तक
आज सुबह यानि 10 अक्टूबर को मिल्टन तूफान फ्लोरिडा में दस्तक दे चुका है। राष्ट्रीय हरिकेन केंद्र ने इसे सबसे भयानक चक्रवातों की श्रेणी में रखा है। पिछले महीने राज्य में हेलन हरिकेन ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें 200 से अधिक जानें गई थीं, और वह कैटेगरी 4 का था। अब जो तूफान आया है, उसके बारे में माना जा रहा है कि यह इससे भी अधिक विनाशकारी हो सकता है क्योंकि यह कैटेगरी 5 या सर्वोच्च श्रेणी का है।
हालांकि, अब तक यह भविष्यवाणी के अनुसार इतना भयानक नहीं दिख रहा है, यहां तक कि इसकी तेज हवाओं की गति भी केवल कैटेगरी 3 की ही प्रतीत हो रही है। लेकिन कभी-कभी ये हरिकेन अपना जाना-पहचाना पैटर्न भी बदल देते हैं, इसलिए चिंता अभी भी बनी हुई है।
कैटेगरी 5 में पहुंचा तूफान
तूफानों की श्रेणी को सफिर-सिम्पसन हरिकेन विंड स्केल के आधार पर निर्धारित किया जाता है। यह स्केल हरिकेन की तीव्रता और हवा की गति को देखते हुए उसे 1 से 5 तक वर्गीकृत करता है। जैसे-जैसे हवा की गति बढ़ती है, हरिकेन की श्रेणी भी उच्चतम स्तर पर पहुंचती है, जिसे विनाशकारी माना जाता है। कैटेगरी 5 का हरिकेन 250 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे भी अधिक की गति से चल सकता है। इस दौरान, हवा की तीव्रता के सामने आने वाली इमारतें ध्वस्त हो जाती हैं और वाहन हवा में उड़ जाते हैं। आधारभूत संरचना बुरी तरह से नष्ट हो जाती है, और इस प्रक्रिया में बिजली और संचार प्रणाली भी प्रभावित हो जाती है। वर्तमान में, मिल्टन के बचाव के लिए फ्लोरिडा में 9,000 नेशनल गार्ड्स और 50,000 बिजली कर्मचारी तैयार हैं।
सोशल मीडिया पर फैल रही है कंस्पिरेसी थ्योरीज
कंस्पिरेसी थ्योरीज में हाल ही में आए तूफान और वेदर मैनिपुलेशन को लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं, खासकर रिपब्लिकन नेता माजोरी टेलर ग्रीन द्वारा दिए गए बयान के बाद। उन्होंने दावा किया कि इंसान मौसम को नियंत्रित कर सकते हैं। हालांकि, नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) और अन्य विशेषज्ञों ने इस बात का खंडन किया है। NOAA के डायरेक्टर हॉवर्ड डायमंड ने कहा कि मनुष्यों के पास तूफान जैसे प्राकृतिक आपदाओं को उत्पन्न या नियंत्रित करने की कोई तकनीक नहीं है।
इसके अलावा, कई कंस्पिरेसी थ्योरीज में यूएस मिलिट्री के हार्प (HAARP) प्रोग्राम पर मौसम में हेरफेर करने का आरोप लगाया जाता है। यह प्रोग्राम हाई-फ्रीक्वेंसी एक्टिव ऑरोरल रिसर्च प्रोग्राम है, जिसका मूल उद्देश्य आयनोस्फियर (पृथ्वी के ऊपर का वायुमंडलीय क्षेत्र) का अध्ययन करना है, लेकिन कंस्पिरेसी थ्योरिस्ट्स का दावा है कि यह प्रोग्राम मौसम में परिवर्तन कर सकता है। हालांकि, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इन दावों को निराधार मानते हैं।
फेमा (Federal Emergency Management Agency) पर भी आरोप लगाए गए हैं कि वह पीड़ितों की मदद के बजाए उन्हें लोन दे रही है, लेकिन फेमा ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि वे आपदा राहत के लिए दी गई सहायता को कभी वापस नहीं लेते।
क्या तूफानों का चुनाव पर प्रभाव पड़ सकता है?
हाँ, हरिकेन के कारण चुनाव पर सीधा असर पड़ सकता है। यदि किसी क्षेत्र में मौसम खराब होता है, तो यह वोटिंग टर्नआउट को प्रभावित कर सकता है। फ्लोरिडा, जो कि ट्रंप के पक्ष में झुका हुआ है, इसलिए इस राज्य में कंस्पिरेसी फैलाने वालों को एक मौका मिला है। वे यह तर्क कर रहे हैं कि अगर इस एक ही राज्य में वोटिंग टर्नआउट पर प्रभाव पड़ता है, तो परिणामों पर भी फर्क पड़ेगा। बता दें कि अब तक फ्लोरिडा में हुए पोल्स के अनुसार, ट्रंप हैरिस से 14% तक आगे हैं। जहाँ हैरिस के पक्ष में 41% लोग हैं, वहीं ट्रंप को 55% मतदाता मिल सकते हैं।
चक्रवात को लेकर वैज्ञानिकों की टिप्पणी
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अब तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि इंसान चक्रवात जैसे बड़े प्राकृतिक आपदाओं को उत्पन्न या नियंत्रित कर सकते हैं। प्राकृतिक आपदाओं पर किसी देश का नियंत्रण होना फिलहाल विज्ञान के दायरे से बाहर माना जाता है।
हालांकि, मौसम को प्रभावित करने की कुछ तकनीकें, जैसे "क्लाउड सीडिंग" (बादलों को बारिश के लिए प्रेरित करना), संभव हैं, लेकिन ये केवल सीमित और स्थानीय स्तर पर प्रभाव डालती हैं और बड़े पैमाने पर मौसम की घटनाओं जैसे चक्रवात, हरिकेन या टाइफून को उत्पन्न करने के लिए अपर्याप्त हैं।
ENMOD (Environmental Modification Convention), जिसे 1976 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनाया और 1987 में इसे प्रभावी बनाया, पर्यावरणीय संशोधन तकनीकों के सैन्य या शत्रुतापूर्ण उपयोग पर रोक लगाता है। यह इसलिए लागू किया गया था ताकि कोई भी देश मौसम या पर्यावरण में हेरफेर कर युद्ध या शत्रुतापूर्ण उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल न कर सके।