राष्ट्रपति चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच मुकाबला बेहद कड़ा हो गया है। कई सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि यह चुनावी मुकाबला कांटे का होने की संभावना है। हर चार साल में होने वाले इस चुनाव की प्रक्रिया काफी जटिल है, जिसमें उम्मीदवार बनने के लिए भी चुनाव की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
US Election 2024: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के आम चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इस चुनावी जंग में एक ओर डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस हैं, जबकि दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं। चुनाव में अब केवल दो दिन बाकी हैं, और पूरा देश राजनीतिक बहसों और रैलियों से भरा हुआ है।
डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच मुकाबला काफी कड़ा नजर आ रहा है। कई सर्वेक्षणों में यह संकेत मिला है कि यह मुकाबला कांटे का होगा। हर चार साल में होने वाले इस चुनाव की प्रक्रिया बेहद जटिल है, और उम्मीदवार बनने के लिए भी चुनाव की कई परतें होती हैं।
कड़ा मुकाबला: ट्रंप और हैरिस
डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच मुकाबला काफी कड़ा होने की संभावना है। कई सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि यह चुनाव कांटे की टक्कर का होने वाला है। हर चार साल में होने वाले इस चुनाव की प्रक्रिया जटिल है, जिसमें उम्मीदवार बनने के लिए भी चुनावी चरणों का पालन करना पड़ता है।
चुनाव की प्रक्रिया के प्रमुख चरण
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया को कई प्रमुख चरणों में बांटा गया है-
1. प्राइमरी और कॉकस (जनवरी से जून)
प्राइमरी और कॉकस अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के पहले चरण होते हैं, जिसमें सभी 50 राज्यों, कोलंबिया और अमेरिकी क्षेत्रों में राष्ट्रपति उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। ये दोनों चरण अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
कॉकस- कॉकस प्रक्रिया में पार्टी के सदस्य मतदान के माध्यम से अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुनते हैं। इसमें पार्टी के सदस्यों की एक बैठक आयोजित होती है, जहां वे अपने चुनावी विचारों का आदान-प्रदान करते हैं और अंततः एक उम्मीदवार का चयन करते हैं। यह प्रक्रिया दोनों प्रमुख दलों, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन, में होती है।
प्राइमरी- प्राइमरी चुनावों के दौरान, पंजीकृत मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए मतदान करते हैं। यह मतदान आमतौर पर चुनाव से 6 से 9 महीने पहले होता है, और अधिकांश राज्यों में प्राइमरी चुनाव का आयोजन किया जाता है। आयोवा, न्यू हैम्पशायर, नेवादा, और साउथ कैरोलिना के परिणामों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, क्योंकि ये परिणाम अक्सर निर्धारित करते हैं कि प्रत्येक पार्टी का अंतिम राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा।
2. राष्ट्रीय सम्मेलन (जुलाई से अगस्त)
प्राइमरी और कॉकस के बाद, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियां अपने-अपने राष्ट्रीय सम्मेलन (नेशनल कन्वेंशन) का आयोजन करती हैं। ये सम्मेलन आम चुनाव से पहले पार्टियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, जहां भाषण, रैलियां और राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्येक पार्टी के उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा की जाती है।
इस साल भी यही प्रक्रिया देखने को मिली, जब जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रीय सम्मेलन से कुछ महीने पहले ही उम्मीदवार बनने के लिए पूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ। हालांकि, घोषणा से कुछ समय पहले सर्वेक्षणों में पिछड़ते देख और बहस के दौरान अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के कारण डेमोक्रेटिक पार्टी ने बाइडन के स्थान पर कमला हैरिस को चुनावी दौड़ में शामिल किया। राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का भी चयन करते हैं। इसके बाद चुनावी प्रचार की दौड़ की शुरुआत होती है।
3. आम चुनाव अभियान (सितंबर से अक्टूबर)
उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद आम चुनाव अभियान तेजी से आगे बढ़ता है। इस चरण में देश भर में प्रचार गतिविधियां जोर पकड़ लेती हैं, जिसमें उम्मीदवार रैलियों, बहसों, विज्ञापनों और सोशल मीडिया के माध्यम से अमेरिकी जनता के समक्ष अपने मुद्दों को रखते हैं।
सितंबर और अक्टूबर के बीच आयोजित होने वाली राष्ट्रपति पद की बहस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। इस साल, ट्रंप और कमला हैरिस ने 10 सितंबर को एबीसी न्यूज पर एक महत्वपूर्ण राष्ट्रपति बहस में भाग लिया।
4. अमेरिकी चुनाव (5 नवंबर)
अमेरिका में चुनाव हर बार नवंबर के पहले सोमवार के बाद पहले मंगलवार को होते हैं। इस साल, मतदान 5 नवंबर को होगा। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव सीधे लोकप्रिय वोट से नहीं होता; इसमें इलेक्टोरल कॉलेज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जब लोग अपना वोट डालते हैं, तो वे वास्तव में एक ऐसे समूह को वोट देते हैं जिसे इलेक्टर (निर्वाचक) कहा जाता है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के पास इलेक्टोरल कॉलेज में प्रतिनिधित्व करने वाले अपने इलेक्टर्स का एक समूह होता है, जिसे स्लेट के रूप में जाना जाता है।
5. इलेक्टोरल कॉलेज (अंतिम चरण)
इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पहलू है। प्रत्येक राज्य को कांग्रेस में उसके प्रतिनिधित्व के आधार पर एक निश्चित संख्या में निर्वाचक आवंटित होते हैं। कुल 538 निर्वाचक होते हैं, और जिस उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल वोट मिलते हैं, वह विजेता होता है। चुनाव के बाद, दिसंबर में निर्वाचक अपने-अपने राज्यों में इलेक्टोरल वोट डालने के लिए मिलते हैं, और जनवरी की शुरुआत में इनकी गिनती की जाती है।