आर्कियोलॉजिस्ट द्वारा यह खोज आधुनिक पेरू में स्थित राजधानी चान चान की चिमू सभ्यता में की है। जहां उनको गहनों से लदे 800 साल पुराने अवशेष मिले हैं।
पेरू का इतिहास: पेरू में आर्कियोलॉजिस्ट ने खोज के दौरान चिमू सभ्यता के धनी सदस्यों के 11 अवशेषों की खोजे की हैं। जो इंका सभ्यता से पहले का एक समाज बताया गया था। यह प्रशांत महासागर और एंडीज पहाड़ों के बीच स्थित सूखे मैदानों में काफी सदियों तक विकसित रहा था। अनुमान है कि ये अवशेष 800 साल पुराने है।
मुख्य आर्कियोलॉजिस्ट सिंथिया क्यूवा के मुताबिक, लगभग 800 साल पुराने 11 लोगों के अवशेष पाए गए हैं। बताया गया कि इन सभी को हार, बालियों और कंगनों जैसे गहनों के साथ दफनाया गया था।
चिमू काल के मिले आभूषण
क्यूवा ने बताया, "अवशेषों के साथ जो आभूषण मिले हैं, उन के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है कि शायद ये लोग चिमू सभ्यता के शासक वर्ग के सदस्य रहे थे।"
बता दें कि क्यूवा ने इन आभूषणों को बनाने के लिए इस्तेमाल की गई किसी भी प्रकार की सामग्री का विवरण नहीं दिया। इससे पहले भी खुदाई में चिमू काल के गहने और अवशेष मिले हैं। जिन पर अध्ययन करने के बाद बताया गया कि उस सभ्यता के सभी लोग कांसे या सोने के बने आभूषण पहनते थे।
राजधानी चान चान में की खोज
मिली जानकारी के अनुसार, आर्कियोलॉजिस्ट द्वारा यह खोज चिमू की राजधानी चान चान में की गई, जो आधुनिक पेरूवियाई शहर ट्रुजिलो के उत्तर में स्थित सभ्यता में की गई है। यह प्राचीन राजधानी अपनी विस्तृत मिट्टी-ईंट वास्तुकला के लिए खास तौर पर जानी जाती है, जो पहले मिट्टी की ईंटों वाली दुनिया के सबसे बड़े शहरों में से एक था।
इन लोगों की मौत हिंसक रही होगी
खोज के दौरान क्यूवा ने बताया कि जिन लोगों के अवशेष मिले हैं उनके साथ छेड़छाड़ के संकेत भी मिलते हैं। अनुमान है कि इन लोगों की मौत बहुत हिंसक रही होगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 800 साल पुराने ये अवशेष शहर के ऐसे हिस्से में पाए गए हैं जहां आसपास कहीं कब्रिस्तान नहीं होते थे।
बता दें कि यह खोज एक खुदाई अभियान के दौरान हुई जो अप्रैल में शुरू हुई थी और जिसका उद्देश्य एक महल परिसर के चारों ओर की दीवारों की साफ - सफाई करना था।
पेरू की चिमू सभ्यता के थी?
पेरू में हुई नवीनतम खोज के बाद बताया कि चिमू सभ्यता के लोग उत्तरी पेरू के तटीय मैदानों पर लगभग 800 ईस्वी से लेकर 1,400 के दशक तक रहे और वे अपनी अद्भुत कला जैसे - धातुकला,सिरामिक और कपड़ों के लिए बहुत प्रसिद्ध थे। साथ ही वे अत्यधिक उत्पादक वाली सीढ़ीदार खेती और प्रशांत तट के साथ व्यापार नेटवर्क के लिए भी जाने जाते हैं।
जानकारी के अनुसार चिमू समाज अत्यधिक विकसित क्षेत्र में विस्तृत था, जिसमें अलग-अलग वर्गों जैसे शासक वर्ग, कारीगर, किसान और मजदूर शामिल थे। जिनमें लोहार, कुम्हार और बुनकर भी आते थे। साथ ही वहां के किसान उन्नत सिंचाई प्रणालियों में भी माहिर थे। चिमू ने अपनी सभ्यता को विकसित करने के लिए समुद्र तटों के साथ व्यापारिक नेटवर्क को बढ़ावा दिया था। उनकी धार्मिक प्रथाएं बहुदेववादी थीं, इस दौरान वे कई देवताओं के पूजा-पाठ भी किया करते थे।
1400 के दशक में हारा साम्राज्य
ऐतिहासिक गवाहों के तौर पर बताया जाता है कि 1400 के दशक के अंत में चिमू साम्राज्य का इंका लोगों के साथ भयानक युद्ध हुआ था। इस युद्ध में इंका ने चिमू साम्राज्य को हरा दिया था। उसके कई दशक बाद स्पेनिश आक्रमणकारियों ने 1532 में इंका को जीत हासिल की थी।