"One Nation, One Election" का प्रस्ताव, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की बात कही गई है, अब मोदी कैबिनेट द्वारा मंजूर कर लिया गया है। इस प्रस्ताव को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी की रिपोर्ट के बाद स्वीकृति दी गई है। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को सरल बनाना, समय और संसाधनों की बचत करना है।
New Delhi: "One Nation, One Election" के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने का रास्ता साफ हो गया है। यह प्रस्ताव पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है। अब, सरकार इस बिल को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश करने की तैयारी कर रही है। अगर इसे संसद में मंजूरी मिलती है, तो देश में चुनावी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जो प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टि से भी लाभकारी हो सकता है।
शाह ने सरकार के 100 दिन पूरे होने पर दिए संकेत
मोदी सरकार पिछले कार्यकाल से ही "एक देश, एक चुनाव" के विचार को लेकर गंभीर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कई अवसरों और चुनावी जनसभाओं में भी इस मुद्दे को उठाया है। हाल ही में, एनडीए सरकार के 100 दिन पूरे होने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने "वन नेशन, वन इलेक्शन" के प्रति एनडीए के संकल्प को पुनः दोहराया। अब संसद के शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव पर विधेयक पेश किया जाएगा।
पीएम मोदी ने लाल किले से किया था उल्लेख
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में "वन नेशन-वन इलेक्शन" का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा डाल रहे हैं।
क्या है कोविंद कमेटी की रिपोर्ट ?
एक देश, एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इसी वर्ष 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। "वन नेशन, वन इलेक्शन" (One Nation, One Election) की यह रिपोर्ट 18 हजार 626 पृष्ठों की है।