फीफा (FIFA) ने 2026 वर्ल्ड कप से पाकिस्तान, रूस और कांगो को बाहर कर दिया है। यह फैसला इन देशों की फुटबॉल प्रशासनिक गड़बड़ियों और नियमों के उल्लंघन के कारण लिया गया हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: फीफा (FIFA) ने 2026 वर्ल्ड कप से पाकिस्तान, रूस और कांगो को बाहर कर दिया है। यह फैसला इन देशों की फुटबॉल प्रशासनिक गड़बड़ियों और नियमों के उल्लंघन के कारण लिया गया है। पाकिस्तान के लिए यह झटका इसलिए भी बड़ा है क्योंकि हाल ही में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर उसे पहले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ की प्रशासनिक खामियां बनीं वजह
पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ (PFF) को फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की गारंटी देने वाला नया संविधान लागू करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन PFF समय पर इसे लागू करने में असफल रहा। इसी कारण फीफा ने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाया और उसे 2026 विश्व कप से बाहर कर दिया।
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान फुटबॉल प्रशासन की वजह से विवादों में रहा है। फीफा पहले भी पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ को प्रशासनिक अनियमितताओं और बाहरी हस्तक्षेप के कारण सस्पेंड कर चुका हैं।
रूस पर प्रतिबंध बरकरार, यूक्रेन युद्ध बनी बड़ी वजह
रूस की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम पर पहले से ही यूक्रेन पर आक्रमण के चलते फीफा और UEFA द्वारा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा हुआ था। फीफा ने अब स्पष्ट कर दिया है कि रूस का यह प्रतिबंध 2026 वर्ल्ड कप तक जारी रहेगा। रूस ने 2018 में फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी और उस समय उसकी टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी। हालांकि, यूक्रेन संकट के चलते रूस की फुटबॉल टीम को सभी अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
कांगो भी बैन, बाहरी हस्तक्षेप बना वजह
कांगोलीज फुटबॉल फेडरेशन (FECOFOOT) पर तीसरे पक्ष के अवैध हस्तक्षेप का आरोप लगा है। फीफा नियमों के अनुसार, किसी भी राष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ में बाहरी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है। लेकिन कांगो लंबे समय से इस समस्या को हल करने में नाकाम रहा, जिसके चलते फीफा ने उसे भी 2026 विश्व कप से बाहर कर दिया।
2026 फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको करेंगे। यह टूर्नामेंट फुटबॉल के इतिहास में सबसे बड़ा होगा क्योंकि पहली बार इसमें 48 टीमें भाग लेंगी। हालांकि, पाकिस्तान, रूस और कांगो के बाहर होने से कई फुटबॉल प्रेमियों के लिए निराशा जरूर होगी, लेकिन फीफा का यह कदम वैश्विक फुटबॉल में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा हैं।