Sagar Dhankhar Murder Case: पहलवान सुशील कुमार को मिली नियमित जमानत, सागर धनखड़ हत्याकांड में तीन साल से था जेल में

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दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुए चर्चित सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को नियमित जमानत दे दी हैं। 

नई दिल्ली: दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुए चर्चित सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को नियमित जमानत दे दी है। सुशील कुमार को मई 2021 में गिरफ्तार किया गया था और तीन साल से वह न्यायिक हिरासत में थे। इससे पहले, जुलाई 2023 में उन्हें घुटने की सर्जरी के लिए 7 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। अब कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत देकर बड़ी राहत दी हैं।

क्या था पूरा मामला?

4-5 मई 2021 की रात छत्रसाल स्टेडियम में हुए इस कांड में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या कर दी गई थी। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, सुशील कुमार और उनके साथियों ने सागर धनखड़ और उसके साथियों को पहले अगवा किया और फिर स्टेडियम में दरवाजे अंदर से बंद कर करीब 40 मिनट तक लाठी-डंडों, हॉकी और बेसबॉल बैट से पीटा। मारपीट इतनी भीषण थी कि सागर धनखड़ की मौत हो गई और अन्य पीड़ित गंभीर रूप से घायल हो गए।

स्टेडियम बना था टॉर्चर सेल

दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि सागर धनखड़ और उसके दोस्तों को दो अलग-अलग जगहों से अगवा किया गया और फिर उन्हें छत्रसाल स्टेडियम लाया गया, जहां पहले से ही सुशील कुमार और उसके साथी घात लगाए बैठे थे। स्टेडियम के गेट अंदर से बंद कर दिए गए और वहां तैनात सुरक्षा गार्डों को बाहर जाने के लिए कहा गया। इसके बाद, पीड़ितों को चारों ओर से घेरकर उन पर बेरहमी से हमला किया गया।

गैंगस्टरों से जुड़े थे विवाद की जड़ें

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि यह विवाद सिर्फ व्यक्तिगत रंजिश तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें संपत्ति, अवैध कब्जे और उगाही के रैकेट का बड़ा खेल चल रहा था। जांच में यह भी पाया गया कि सुशील कुमार और सागर धनखड़ से जुड़े गुटों के संबंध कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी और नीरज बवानिया से थे।

कोर्ट ने मामले की गहराई से जांच और सुशील कुमार की लंबी हिरासत को ध्यान में रखते हुए उन्हें जमानत देने का फैसला किया। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है, जिसमें देश न छोड़ने और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अनिवार्यता शामिल है। सुशील कुमार की जमानत के बाद भी मामला खत्म नहीं हुआ है। इस केस की सुनवाई जारी रहेगी और अदालत में आगे के फैसलों पर सबकी नजर होगी।

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