Education News: केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री से सीधी भर्ती रोकी: क्या है इसके पीछे की वजह?
केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के तहत सीधी भर्ती पर रोक लगाने का फैसला लिया है, जिसका आदेश UPSC को दिया गया है। यह निर्णय तब आया जब तीन दिन पहले ही, 17 अगस्त को UPSC ने 45 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
किन पदों पर निकली थी भर्ती?
इन पदों में विभिन्न सरकारी विभागों में संयुक्त सचिव और निदेशक स्तर की पोस्ट शामिल थीं। लेटरल एंट्री से सीधी भर्ती का उद्देश्य बाहरी विशेषज्ञों को सरकारी नौकरियों में लाकर सिस्टम को और प्रभावी बनाना था।
लेटरल एंट्री से सीधी भर्ती: क्या होता है इसका फायदा?
लेटरल एंट्री का मतलब है कि निजी क्षेत्र, शिक्षाविदों, और अन्य विशेषज्ञों को बिना किसी प्रतियोगी परीक्षा के सीधे उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता है। इसका फायदा यह था कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ सरकार में शामिल होकर नई सोच और दृष्टिकोण लाते थे, जिससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी और नवाचार आ सकते थे।
क्यों लिया गया ये फैसला?
इसलिए लिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी भर्तियों के तरीकों पर पुनर्विचार किया जा सके और मौजूदा सरकारी तंत्र की दक्षता को बनाए रखा जा सके।
किसे होगा नुकसान?
इस फैसले से उन बाहरी विशेषज्ञों को नुकसान होगा जो इस प्रक्रिया के जरिए सरकारी सेवाओं में योगदान देने की योजना बना रहे थे। इसके अलावा, इससे उन विभागों को भी प्रभावित हो सकता है जो विशेषज्ञता की कमी के कारण लेटरल एंट्री का सहारा लेते थे।