इंग्लिश की तैयारी करने का बेस्ट तरीका है, डेली प्रैक्टिस। आशा करते है, जिन कैंडिडेट ने ये सब्जेक्ट चुना है, सभी टॉपिक आपने अबतक कवर कर लिए होंगे।
अब चूंकि नए सिरे से तैयारी करने का टाइम तो बिलकुल नहीं है, इसलिए आपको उन टॉपिक का रिवीजन करना है, जिनमे से एग्जाम में प्रश्न आएंगे।
कौनसे टॉपिक्स से इंग्लिश के एग्जाम में प्रश्न पूछे जाते हैं, यह बताने के लिए आज हमारे साथ जुड़े हैं तीन-तीन एक्सपर्ट। सोर्स दैनिक भास्कर...
परिष्कार कोचिंग से सब्जेक्ट एक्सपर्ट प्रमोद कौशिक, डॉ. प्रियंका मिश्रा और राकेश सिरावत आपको खास टिप्स तो देंगे ही, साथ ही आपकी मदद के लिए एक मॉडल पेपर तैयार किया है जिसे सॉल्व कर आप चेक कर सकते हैं कि आपकी तैयारी कैसी है।
प्रमोद कौशिक, सब्जेक्ट एक्सपर्ट
स्टूडेंट्स के पास अब लिमिटेड टाइम है। इसलिए उन्हें अब उन्हीं टॉपिक को फोकस करना चाहिए, जिनपर वह खुद कंफर्टेबल हैं, जिसके बारे में पहले पढ़ चुके हैं। लास्ट मोमेंट पर नए टॉपिक नहीं पढ़ने चाहिए।
इंग्लिश सब्जेक्ट एक्सपर्ट प्रमोद कौशिक ने बताया कुछ टॉपिक ऐसे हैं जिन पर हर एग्जाम में प्रश्न पूछे जाते हैं। वह टॉपिक मुश्किल ही क्यों ना हो, स्टूडेंट्स को उसपर पूरा फोकस करना चाहिए।
इंग्लिश लैंग्वेज में टेंस, एक्टिव वॉइस-पैसिव वॉइस, नरेशन, आर्टिकल, प्रीपोजिशन और कंजक्शन से जुड़े प्रश्न ज्यादातर पूछे जाते हैं। स्टूडेंट कि इन पर कमांड होना जरूरी है।
रिवीजन कैसे करना है? ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं
. इंग्लिश में सिलेबस को ग्रामर, लिटरेचर, फोनेटिक्स और कॉम्प्रिहेंशन में बांटकर तैयारी करें।
. ग्रामर के टॉपिक्स को अब डिटेल में पढ़ने की बजाय उस चैप्टर की थ्योरी को फटाफट पढ़कर उसके मल्टीपल चॉइस के सवाल सॉल्व करें।
. आखरी वक्त में ज्यादा से ज्यादा पैसेज सॉल्व कर उनकी प्रैक्टिस करें। यह एग्जाम में काफी फायदेमंद साबित होगा।
. एग्जाम में वोकेबलरी के कुछ सवाल पूछे जा सकते है। ऐसे में Idioms and Phrases, Phrasal Verbs वोकेबलरी की एक लिस्ट तैयार करें। जिसका वक्त मिलते ही रिवीजन करें। क्योंकि एग्जाम में जिस स्टूडेंट की वोकेबलरी अच्छी होगी। तो वह पेपर में अच्छा स्कोर हासिल कर सकता है।
डॉ. प्रियंका मिश्रा, सब्जेक्ट एक्सपर्ट
सबसे पहले एग्जाम टाइम में स्टूडेंट्स को सोशल मीडिया से दूरी बना लेनी चाहिए। क्योंकि एग्जाम के वक्त एक गलत जानकारी या फिर उसके माइंडसेट और उसकी तैयारी को बिगाड़ या फिर गड़बड़ कर सकती है।
. इंग्लिश में अनसीन पैसेज बहुत इंपॉर्टेंट है।
. फोनेटिक्स की यूनिट में सिंबल्स को जरूर से देखें। इनमें से सवाल आने की पूरी संभावना है।
. इंग्लिश में लैंग्वेज पार्ट की तैयारी के लिए Tense से लेकर सभी भागों को कवर करना होगा।
. पेपर में अनसीन पैसेज भी आ सकते हैं। जो कॉम्प्रिहेंशन का एक हिस्सा है।
. जो टॉपिक हेवी वेटेज वाले हैं, उन्हें छोड़ना नहीं, शार्ट नोट्स बनाकर तैयारी कर लें।
. एग्जाम में हर पार्ट को अलग-अलग टाइम डिवाइड के अनुसार ही सॉल्व करें।
. एग्जाम के दौरान एक सेक्शन में ज्यादा समय न लगाएं। ऐसा करने से पेपर अधूरा छूट सकता है।
. इंग्लिश का पेपर टाइम टेकिंग होता है, यानी समय ज्यादा लगता है। इसलिए पेपर सॉल्व करने की स्पीड बढ़ाने की कोशिश करें।
. लास्ट ईयर के पेपर और टेस्ट सीरीज के सवालों को भी ज्यादा से ज्यादा सॉल्व करने की कोशिश करें।
राकेश सिरावत, सब्जेक्ट एक्सपर्ट
इंग्लिश सब्जेक्ट एक्सपर्ट राकेश सिरावत का कहना है कि नया पढ़ने के बजाय सिर्फ उसी को रिवाइज करना है। रिवीजन के साथ ज्यादा से ज्यादा टेस्ट सीरीज में पार्टिसिपेट कर क्वेश्चन सॉल्व करने चाहिए। ऐसा करने से उनकी एग्जाम देने की प्रैक्टिस तो बनेगी ही। इसके साथ ही वह अपनी गलतियों को पकड़ उन्हें सही वक्त पर ठीक कर सकेंगे।
एग्जाम से पहले इन टिप्स को ध्यान में रखकर करें इंग्लिश की तैयारी
. इंग्लिश के क्वेश्चन का लेवल मॉडरेट रहेगा इसलिए बेसिक्स पर सबसे ज्यादा फोकस करें।
. अब पढ़ने की बजाय ज्यादा से ज्यादा क्वेश्चन की प्रैक्टिस करें। प्रैक्टिस सेट निकालिए, लेकिन ध्यान रखिए प्रैक्टिस सेट निकालने के बाद में उनका एनालिसिस कीजिए। क्यों गलत हुआ, केवल प्रैक्टिस सेट निकालने से कुछ नहीं होगा।
. कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक जैसे कि टेंस, एक्टिव-पैसिव, डायरेक्ट-इनडायरेक्ट, इवैल्यूएशन और प्रिंसिपल्स ऑफ टीचिंग इंग्लिश काफी महत्वपूर्ण हैं।
. क्वेश्चन सॉल्व करते समय उसकी लैंग्वेज पर विशेष रूप से ध्यान दें। कई बार लैंग्वेज समझ में नहीं आने की वजह से उत्तर गलत हो जाता है। इसलिए क्वेश्चन को ध्यान से पढ़कर ही जवाब दें।
. अगर स्टूडेंट इन सभी पॉइंट्स को ध्यान में रखकर एग्जाम देगा। तो उसको सिलेक्शन से कोई नहीं रोक सकता है।