सावधान! स्कूलों और एडमिशन के नाम पर साइबर अपराधियों की ठगी, इन तरीकों से रहें सुरक्षित

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स्कूलों में एडमिशन का समय आ चुका है, और इस दौरान पैरेंट्स बच्चों के लिए सबसे अच्छे स्कूलों का चुनाव करने में व्यस्त हैं। साथ ही, शॉपिंग भी अपने चरम पर है। ऐसे में साइबर अपराधी इस मौके का फायदा उठाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। वे नकली ऑनलाइन स्टोर्स से लेकर फर्जी स्कॉलरशिप तक के नाम पर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इन स्कैम्स से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है।

ठगी करने के लिए अपनाए जाते हैं ये तरीके

साइबर अपराधी इस समय सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों के स्कूल से जुड़ी सामग्री के नाम पर लुभावने ऑफर वाले विज्ञापन फैला रहे हैं। इन विज्ञापनों में बच्चों के स्कूल का सामान, किताबें आदि सस्ते दामों पर देने का दावा किया जा रहा है। लालच में आकर कई लोग इन पर क्लिक करते हैं और इस तरह वे मलेशियस साइट्स पर पहुंच जाते हैं, जहां हैकर्स के लिए उनकी निजी जानकारी तक पहुंचना आसान हो जाता है।

इसके अलावा, स्कैमर्स स्कॉलरशिप, ग्रांट और लोन के नाम पर भी लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। इन ऑफर्स में इतनी आकर्षक शर्तें दी जाती हैं कि कई लोग इनके झांसे में फंसकर अपनी जानकारी दे बैठते हैं। फिशिंग ईमेल के जरिए भी स्कैमर्स लोगों की निजी जानकारी चुराने का प्रयास कर रहे हैं, जो बाद में वित्तीय नुकसान का कारण बन सकती है।

इन तरीकों से खुद को रखें सुरक्षित

ऑनलाइन खरीदारी करते समय हमेशा वेबसाइट की सच्चाई की जांच करें। वेबसाइट का URL ध्यान से देखें, और यदि उसमें स्पेलिंग की गलती दिखाई दे, तो सतर्क हो जाएं। सोशल मीडिया पर आने वाले लुभावने ऑफर्स और विज्ञापनों के झांसे में न आएं।

अगर कोई स्कॉलरशिप या लोन के नाम पर आकर्षक ऑफर दे रहा है, तो अपनी जानकारी देने से पहले उस संस्था की पहचान को सत्यापित कर लें। अनजान लोगों से आए ईमेल या संदेश पर कभी क्लिक न करें, क्योंकि इससे आपके डिवाइस में मलेशियस फाइल्स डाउनलोड हो सकती हैं और आपकी निजी जानकारी स्कैमर्स के हाथ लग सकती है।

अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत कानूनी एजेंसियों से संपर्क करें और मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाएं।

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