Asian Champions Trophy Hockey: एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में थाईलैंड पर बड़ी जीत दर्ज करने उतरेंगी भारतीय महिला हॉकी टीम, बेटियां दिखाएगी मैदान में जलवा

Asian Champions Trophy Hockey: एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में थाईलैंड पर बड़ी जीत दर्ज करने उतरेंगी भारतीय महिला हॉकी टीम, बेटियां दिखाएगी मैदान में जलवा
Last Updated: 15 घंटा पहले

एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भारत वर्तमान में दूसरे स्थान पर है, जबकि चीन पहले स्थान पर है। चीन का गोल अंतर 20 है, जो उन्हें शीर्ष पर बनाए हुए है। वहीं, भारत का गोल अंतर पांच है और वह इस समय विश्व नंबर नौ पर स्थित हैं।

स्पोर्ट्स न्यूज़: एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में भारतीय महिला टीम लगातार तीसरी जीत हासिल करने के लिए तैयार है। बृहस्पतिवार को टीम इंडिया का सामना विश्व नंबर 29 थाईलैंड से होगा, और भारत की कोशिश होगी कि वह इस मैच में एक बड़ी जीत हासिल कर अपनी स्थिति को मजबूत करे। भारत ने पहले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए मलेशिया को 4-0 से और कोरिया को 3-2 से हराया।

वहीं, थाईलैंड को पहले मैच में चीन से 0-15 से भारी हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने अगले मैच में जापान को 1-1 से ड्रॉ करके सभी को चौंका दिया। थाईलैंड की यह कड़ी चुनौती भारतीय टीम के लिए कोई मामूली नहीं होगी, और उन्हें थाईलैंड को हराकर अपनी जीत की लय बनाए रखनी होगी।

भारतीय टीम को भुनाने होंगे गोल के मौके

भारत एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरे स्थान पर चल रहा है, लेकिन उसे अपनी गोल करने की क्षमता में सुधार की जरूरत है। भारत ने टूर्नामेंट में दो जीत तो हासिल की हैं, लेकिन दोनों मैचों में कई गोल करने के मौके गंवाए हैं। खासतौर पर विरोधी टीम के खिलाफ हड़बड़ाहट और विकल्पों के चयन में गड़बड़ी ने भारतीय टीम की प्रदर्शन में खामियां दिखाई।

भारत का गोल अंतर पांच है, जबकि चीन ने 20 गोल अंतर के साथ पहले स्थान पर कब्जा जमाया है। टूर्नामेंट के राउंड रोबिन स्टेज में शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। वर्तमान में, जापान तीसरे और कोरिया चौथे स्थान पर है। भारत के कोच हरेंदर सिंह ने भी टीम की प्रदर्शन में इन कमजोरियों को स्वीकार किया है और कहा है कि टीम सही विकल्प नहीं चुन पा रही थी। कोच ने यह भी बताया कि वे वीडियो क्लिपिंग के जरिए इन मुद्दों पर काम करेंगे और उन्हें हल करने की कोशिश करेंगे ताकि टीम अगले मैचों में और बेहतर प्रदर्शन कर सके।

पेनल्टी कॉर्नर का उठाना होगा पूरा फायदा

भारतीय महिला हॉकी टीम एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में पेनल्टी कॉर्नर को भुनाने में असफल रही है, जो उसके लिए चिंता का विषय बन गया है। मलयेशिया के खिलाफ भारतीय टीम को 11 पेनल्टी कॉर्नर मिले, जिनमें से केवल तीन को उसने इनडायरेक्ट तरीके से गोल में बदला। वहीं, कोरिया के खिलाफ टीम को आठ पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन एक भी गोल नहीं हो सका। यह पेनल्टी कॉर्नर की कमी भारत के प्रदर्शन में खलल डाल रही है, जिसे सुधारने की जरूरत हैं।

हालांकि, सकारात्मक पक्ष यह है कि संगीता कुमारी और दीपिका ने अच्छा प्रदर्शन किया है। दोनों ने तीन-तीन गोल किए हैं, और संगीता का स्टिक वर्क और गति बहुत ही प्रभावशाली रही है। लेकिन कुछ खिलाड़ियों, जैसे शर्मिला देवी, प्रीति दुबे और ब्यूटी डुंगडुंग को अधिक जिम्मेदारी लेनी होगी। मिडफील्ड में कप्तान सलीमा टेटे और उपकप्तान नवनीत कौर को अपने खेल का स्तर और ऊपर उठाना होगा ताकि टीम अपनी कमजोरियों को दूर कर सके।

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