26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले खेलों के इस पेरिस ओलंपिक महाकुंभ के लिए भारतीय पहलवानों ने अपनी ओर से तैयारियां शुरू कर ली है। पेरिस ओलंपिक कुश्ती में इस बार सीडेड पहलवानों का नया नियम लागू किया गया है। जिसमें भारत के भी छह प्रतिनिधि सीडेड पहलवान चुने गए हैं।
Paris Olympics 2024 Indian Wrestling Squad: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई, 2024 से हो रही है। इस खेलों महाकुंभ के आगाज के लिए सभी एथलीट तैयारियों में जुटे हुए हैं। बता दें कि ओलंपिक 2024 में 5 अगस्त से नियमित कुश्ती कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद वहीं, 6 से 11 अगस्त तक पदक के लिए दंगल शुरू होगा।
भारतीय टीम की घोषणा
ऐसे में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए अपनी टीम की घोषणा कर दी है. जिसमें शामिल अनुभवी पहलवानों और युवा प्रतिभाओं का शानदार मिश्रण है। इस बार पेरिस में होने वाले इस समर ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कुल छह पहलवान करेंगे। इनमें एकमात्र पुरुष पहलवान अमन सेहरावत के साथ 5 महिला पहलवान शामिल हैं।
भारतीय कुश्ती टीम की लिस्ट जारी
भारतीय कुश्ती दल में इस बार 6 पहलवानों को सेलेक्ट किया है। जिसमें 5 महिला पहलवान और एक पुरुष को शामिल किया गया है -
- अमन सहरावत: एकमात्र पुरुष फ्रीस्टाइल, 57 किग्रा
- विनेश फोगाट: महिला 50 किग्रा
- अंशु मलिक: महिला 57 किग्रा
- निशा दहिया: महिला 68 किग्रा
- रितिका हुड्डा: महिला 76 किग्रा
- अंतिम पंघाल: महिला 53 किग्रा.
ओलंपिक कुश्ती में नए नियम लागू
मिली जानकारी के अनुसार, इस बार के ओलंपिक कुश्ती 2024 में सीडिंग अंक जोड़े गए हैं। इस के कारण पहलवानों को प्रतियोगिता में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। भारतीय कुश्ती दल से केवल 2 पहलवान, अंतिम पंघाल और अमन सहरावत को यह सीडिंग मिली है।
वहीं, अन्य चार पहलवानों को पेरिस ओलंपिक्स 2024 से पहले ब्रैकेट में रैंडम्ली के रूप में चुना जाएगा। बता दें कि अंतिम पंघाल को 53 किग्रा वर्ग में चौथी और अमन सहरावत को 57 किग्रा में छठी सीडिंग अंक मिले हैं।
क्या है सीडिंग अंक?
बता दें कि ओलंपिक में लगाया गया यह सीडिंग अंक नियम प्रतियोगी के अनुभव को दर्शाता है। ऐसे में जितने अधिक सीडिंग अंक, उतना ही शक्तिशाली पहलवान माना जाता है। साथ ही ओलंपिक में, सीडिंग अंक का यूज़ पहलवानों को ग्रुप में बांटने के लिए किया जाता है। हाई सीडिंग अंक वाले पहलवानों को कमजोर पहलवानों के साथ ग्रुप में रखा जाता है। इससे प्रतियोगिता और भी अधिक रोचक बनती है और सभी पहलवानों को अपनी प्रतिभा दिखाने का शानदार मौका मिलता है।