भारत के 45 वर्षीय अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने मोंटे कार्लो मास्टर्स 2025 के दौरान एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की। उन्होंने अमेरिका के अपने युवा जोड़ीदार बेन शेल्टन के साथ मिलकर फ्रांसिसको केंरुंडोलो और अलेजांद्रो ताबिलो की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 7-5 से हराया।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय टेनिस जगत से एक गर्व करने वाली खबर सामने आई है। रोहन बोपन्ना ने 45 वर्ष की आयु में मोंटे कार्लो मास्टर्स 2025 के दौरान जीत दर्ज कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। वे अब ATP मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट में मैच जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं। बोपन्ना ने अमेरिकी खिलाड़ी बेन शेल्टन के साथ मिलकर फ्रांसिसको केंरुंडोलो और अलेजांद्रो ताबिलो की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 7-5 से हराया। यह मुकाबला महज 71 मिनट में समाप्त हो गया, जिसमें भारत-अमेरिका की इस जोड़ी का दबदबा साफ देखने को मिला।
नेस्टोर का रिकॉर्ड तोड़ा
इससे पहले यह रिकॉर्ड कनाडा के डेनियल नेस्टोर के नाम था, जिन्होंने वर्ष 2017 में 44 साल आठ महीने की उम्र में एटीपी मास्टर्स का मुकाबला जीता था। उन्होंने तब बोपन्ना और पाब्लो कुएवास को ही मात दी थी। अब 8 साल बाद, बोपन्ना ने उसी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए खुद नया इतिहास रच दिया है। मोंटे कार्लो टूर्नामेंट में बोपन्ना और शेल्टन का अगला मुकाबला इटली की अनुभवी जोड़ी सिमोन बोलेली और आंद्रिया वावासोरी से होगा, जो डबल्स में शानदार तालमेल के लिए जानी जाती है।
हाल ही में रहे हैं खराब फॉर्म में
बोपन्ना का यह प्रदर्शन खास इसलिए भी है क्योंकि पिछले कुछ टूर्नामेंट्स में उनका प्रदर्शन फीका रहा था। कतर ओपन में वे नुनो बोर्ग्स के साथ क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। लेकिन दुबई ओपन, इंडियन वेल्स मास्टर्स और मियामी ओपन में वे पहले ही दौर में बाहर हो गए थे। दुनिया की 14वीं रैंकिंग वाली बोपन्ना-शेल्टन की जोड़ी के लिए यह जीत आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है और आने वाले ग्रैंड स्लैम्स के लिए सकारात्मक संकेत है।
बोपन्ना की मिसालरोहन बोपन्ना का यह रिकॉर्ड सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि दृढ़ संकल्प, अनुशासन और फिटनेस के बल पर लंबे करियर की मिसाल है। जहां खिलाड़ी 30 की उम्र के बाद संन्यास की ओर बढ़ने लगते हैं, वहीं बोपन्ना ने 45 साल में भी दुनिया के टॉप खिलाड़ियों को चुनौती देना जारी रखा है।