भारत अपनी सेना को मजबूत करने के लिए लगातार नए फाइटर जेट, एयरक्राफ्ट कैरियर, पनडुब्बियां और गोला-बारूद समेत अन्य अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों की खरीद कर रहा हैं।
नई दिल्ली: भारत अपनी सैन्य शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए रूसी हथियारों का बड़े पैमाने पर अपग्रेड कर रहा है। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना में मौजूद रूसी मूल के टी-90 भीष्म टैंक और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को नई तकनीक से लैस किया जा रहा है। इसका मकसद भारत की सैन्य क्षमता को और मजबूत करना और सीमाओं पर किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देना हैं।
टी-90 भीष्म को मिलेगा और ज्यादा दम
भारतीय सेना के पास फिलहाल 1,200 से अधिक टी-90 भीष्म टैंक हैं, जिन्हें अब अपग्रेड कर उनकी क्षमता बढ़ाई जा रही है। सरकार ने हाल ही में 54,000 करोड़ रुपये के रक्षा बजट को मंजूरी दी थी, जिसमें टी-90 टैंकों के अपग्रेडेशन का प्रस्ताव भी शामिल था। इस प्रक्रिया में टैंक के मौजूदा 1,000 हॉर्सपावर (एचपी) इंजन को 1,300 एचपी इंजन से बदला जाएगा, जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में इसकी गतिशीलता और मारक क्षमता बढ़ जाएगी।
टी-72 टैंकों को भी नया जीवन
भारतीय सेना के पास करीब 2,400 टी-72 टैंक भी मौजूद हैं, जो दशकों से सेवा में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन्हें धीरे-धीरे रिटायर किया जाना चाहिए, लेकिन जब तक नए टैंक पूरी तरह सेवा में नहीं आ जाते, तब तक इन्हें अपग्रेड किया जाएगा। टी-72 टैंकों में मौजूदा 780 एचपी के इंजन को 1,000 एचपी के इंजन से बदला जाएगा। इसके लिए रूस की एक प्रमुख कंपनी के साथ 248 मिलियन डॉलर की डील भी की गई हैं।
सुखोई-30 एमकेआई को मिलेगा नया अवतार
भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल 260 सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट हैं, जिनमें से 220 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने देश में ही तैयार किया है। पिछले साल सरकार ने 12 नए सुखोई-30 एमकेआई के निर्माण के लिए 13,500 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दी थी। अपग्रेड के बाद इन फाइटर जेट्स को नए रडार, आधुनिक एवियोनिक्स और एडवांस्ड वेपन्स सिस्टम से लैस किया जाएगा। इससे इनकी ऑपरेशनल लाइफ 2055 तक बढ़ जाएगी।
चीन और पाकिस्तान के लिए चिंता की वजह
भारत का यह मेगा अपग्रेडेशन प्रोग्राम सीधे तौर पर चीन और पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन की आक्रामकता बढ़ी है, वहीं पाकिस्तान लगातार सीमा पर तनाव पैदा करता रहता है। भारत की सेना को आधुनिक हथियारों से लैस करने की यह रणनीति दुश्मनों के लिए स्पष्ट संदेश है कि भारतीय रक्षा बल किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
भारत का यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बल देता है, क्योंकि कई अपग्रेडेड सिस्टम और तकनीकें देश में ही विकसित की जा रही हैं। सुखोई-30 एमकेआई और टी-90 भीष्म के अपग्रेडेशन से भारतीय सेना और वायुसेना की युद्ध क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा और यह भविष्य के किसी भी संघर्ष के लिए तैयार रहेंगे।