लता मंगेशकर, भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिकाओं में से एक, ने अपने करियर की शुरुआत बहुत कम उम्र में की। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ, और उनके पिता, पंडित दीनानाथ मंगेशकर, एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक थे।
प्रारंभिक करियर
लता ने अपने करियर की शुरुआत 1942 में मराठी फिल्म "किती हसाल" में गाकर की। लेकिन उन्हें असली पहचान 1949 में फिल्म "महल" के गीत "आयेगा आने वाला" से मिली, जो एक बड़ा हिट साबित हुआ। इस गीत ने न केवल लता की गायकी को पहचान दिलाई, बल्कि उन्हें भारतीय सिनेमा की दुनिया में स्थापित कर दिया।
प्रसिद्धि के वर्ष
1950 और 1960 के दशकों में, लता मंगेशकर ने लगातार हिट गाने दिए। उन्होंने लगभग 30,000 गाने विभिन्न भाषाओं में गाए, जिसमें हिंदी, मराठी, बंगाली, उर्दू, तमिल, तेलुगु और अन्य भाषाएं शामिल हैं। उनके प्रसिद्ध गीतों में "लग जा गले", "पिया तेरा कहना", "तुम ही हो, तुम ही हो", और "चura लिया है तुमने" शामिल हैं।
विशेषताएँ और योगदान
लता मंगेशकर की गायकी की एक विशेषता उनकी जादुई आवाज़ और भावनात्मक गहराई है। उन्होंने कई बड़ी फिल्मों में अपने गायन का योगदान दिया और भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई। उनके साथ कई प्रमुख संगीतकारों ने काम किया, जैसे कि मदन मोहन, ओ.पी. Nayyar, और आर.डी. बर्मन।
अंतिम वर्ष
1980 के दशक के बाद, लता ने फिल्मों में गाने की संख्या कम कर दी, लेकिन उन्होंने स्टेज शो और लाइव परफॉर्मेंस में सक्रियता जारी रखी। उनका योगदान भारतीय संगीत और सिनेमा के लिए अमूल्य है, और उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहेगी।
लता मंगेशकर की प्रमुख फिल्में
लता मंगेशकर ने अपने करियर में अनेक फिल्मों के लिए गाए गए गीतों के माध्यम से भारतीय सिनेमा में अद्वितीय योगदान दिया। उनकी आवाज़ ने कई क्लासिक फिल्मों को अमर बना दिया। यहाँ कुछ प्रमुख फिल्मों की सूची है जिनमें लता जी के गाए हुए गीत शामिल हैं:
महल (1949) - "आयेगा आने वाला"
Baiju Bawra (1952) - "घनघट पर कंकण बजी"
Madhumati (1958) - "तुम्हीं हो, तुमहीं हो"
Pakeezah (1972) - "इन आंखों की मस्ती के"
Umrao Jaan (1981) - "इन आँखों की मस्ती के"
Kati Patang (1970) - "मेरा नाम है शिकारी"
Shree 420 (1955) - "प्यारे भाईya" और "तेरा झूला है झूलूंगी"
Satyam Shivam Sundaram (1978) - "चura लिया है तुमने"
Chhoti Si Baat (1976) - "है अपनों का प्यार"
Kabhi Kabhie (1976) - "Kabhi Kabhi Aane Wala"
Dosti (1964) - "राही मन की"
Anand (1971) - "कभी कभी मेरे दिल में"
Zindagi (1976) - "बाग़ों में रंगीनी है"
Dilwale Dulhania Le Jayenge (1995) - "तेरे नाम से, तेरा नाम से"
Baharon Phool Barsao (1972) - "बहारों फूल बरसाओ"
Chalte Chalte (1976) - "चalte चalte, मैं तेरे संग"
Mera Saaya (1966) - "मेरे साया"
Kuchh Dil Ne Kaha (1973) - "कुच्छ दिल ने कहा"
Sharmilee (1971) - "ओ मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू"
Do Raaste (1969) - "मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू"
Dulhan Wohi Jo Piya Man Bhaye (1980) - "तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं"
Kati Patang (1970) - "प्यार हुआ इकरार हुआ"
Ghar (1978) - "आया है मुझे क्या ख्याल"
Ram Teri Ganga Maili (1985) - "सुन सजना, तेरे घर का पानी"
अन्य भाषाओं में गीत
लता मंगेशकर ने न केवल हिंदी, बल्कि कई अन्य भाषाओं में भी गाए गीत, जैसे कि मराठी, बंगाली, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, और उर्दू। उनकी आवाज़ ने भारतीय संगीत को एक नई पहचान दी और उनकी परफॉर्मेंस ने उन्हें एक किंवदंती बना दिया।
लता मंगेशकर के पुरस्कार और सम्मान
फिल्मफेयर पुरस्कार
1958 - सर्वश्रेष्ठ गायिका पुरस्कार
1962 - सर्वश्रेष्ठ गायिका पुरस्कार
1965 - सर्वश्रेष्ठ गायिका पुरस्कार
1969 - सर्वश्रेष्ठ गायिका पुरस्कार
1993 - लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
1994 - लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
1972 - सर्वश्रेष्ठ गायिका
1975 - सर्वश्रेष्ठ गायिका
1990 - सर्वश्रेष्ठ गायिका
राज्य पुरस्कार
महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966, 1967)
पद्म पुरस्कार
1969 - पद्म भूषण
1999 - पद्म विभूषण
गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड
1974 - दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का रिकॉर्ड
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
1989 - भारतीय सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए
अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कार
1996 - स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
1997 - राजीव गांधी पुरस्कार
1999 - एन.टी.आर. पुरस्कार
1999 - ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2000 - आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
2001 - भारत रत्न (भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
2001 - नूरजहाँ पुरस्कार
2001 - बंजारा पुरस्कार
2001 - महाराष्ट्र पुरस्कार
लता मंगेशकर के व्यक्तिगत शौक
संगीत: संगीत ही उनका जीवन था। उन्हें शास्त्रीय संगीत सुनना और उसे समझना पसंद था। वे हमेशा नए संगीत शैलियों और तकनीकों में रुचि रखती थीं।
पढ़ाई: लता मंगेशकर को किताबें पढ़ने का शौक था। उन्होंने विभिन्न विषयों पर पढ़ाई की और साहित्य में गहरी रुचि दिखाई।
फिल्में देखना: उन्हें फिल्में देखना बहुत पसंद था, विशेषकर उन फिल्मों में जिनमें संगीत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ट्रैवलिंग: वे यात्रा करना पसंद करती थीं। भारत के विभिन्न हिस्सों में यात्रा के दौरान उन्हें नई संस्कृतियों और संगीत शैलियों का अनुभव करने का अवसर मिलता था।
पारिवारिक समय: लता जी परिवार के साथ समय बिताना पसंद करती थीं। वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर समय व्यतीत करने में आनंदित होती थीं।
पेंटिंग और कला: लता को कला और पेंटिंग में रुचि थी। वे कभी-कभी अपने फुर्सत के समय में कला के प्रति अपनी रुचि को व्यक्त करती थीं।
लता मंगेशकर का निधन
लता मंगेशकर, भारत की सबसे प्रतिष्ठित गायिका, का निधन 6 फ़रवरी 2022 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ। उनका निधन कोविड-19 से संबंधित जटिलताओं के कारण हुआ। उन्होंने 92 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कहा। लता जी को लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, और उनकी मृत्यु ने पूरे देश को गहरे शोक में डाल दिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक "सिनेमाई किंवदंती" के रूप में याद किया, जबकि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि "उन्हें उपमहाद्वीप में प्यार किया गया था।" लता जी का निधन न केवल भारतीय संगीत के लिए एक बड़ा नुकसान था, बल्कि उनकी अनमोल आवाज और अद्वितीय शैली ने उन्हें एक अमर स्थिति प्रदान की थी। उनके गाए हुए गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हैं, और उनकी याद हमेशा जीवित रहेगी। उनका अंतिम संस्कार मुंबई के जुहू मुस्लिम कब्रिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
लता मंगेशकर की याद में देश भर में श्रद्धांजलि अर्पित की गई, और उनके योगदान को सदा याद किया जाएगा।