पुस्तकों से प्यार की मजेदार कहानी: कैसे एक किताब ने बदल दी एक बच्चे की जिंदगी

पुस्तकों से प्यार की मजेदार कहानी: कैसे एक किताब ने बदल दी एक बच्चे की जिंदगी
Last Updated: 2 घंटा पहले

कहानी का आरंभ

एक छोटे से गाँव में एक बच्चा रहता था जिसका नाम था राघव। राघव का बचपन खेल-कूद में बिता और उसे पढ़ाई से बहुत कम ही लगाव था। स्कूल की किताबें उसके लिए बोझ जैसी होतीं और वह उन्हें केवल स्कूल के काम के लिए ही खोलता। बाकी समय वह अपनी दोस्तों के साथ खेलता रहता था और किताबों से बहुत दूर रहता था।

एक दिन गाँव में एक बड़ी पुस्तक प्रदर्शनी लगने वाली थी। गाँव में हर कोई इसे लेकर उत्साहित था, लेकिन राघव को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा। उसे तो बस खेलों की चिंता थी। उसकी माँ ने उसे समझाया, "राघव, तुम किताबों से दूर क्यों रहते हो? अगर तुम प्रदर्शनी में जाओगे तो बहुत कुछ नया जानोगे।" लेकिन राघव को पढ़ाई में कोई रुचि नहीं थी, फिर भी माँ की बातों से थोड़ा सा असर पड़ा और उसने किताबों की प्रदर्शनी में जाने का फैसला किया।

किताबों की प्रदर्शनी में पहला कदम

जब राघव पुस्तक प्रदर्शनी में पहुँचा, तो उसे वहाँ हर जगह किताबें ही किताबें दिखीं। हज़ारों किताबों की महक हवा में घुली हुई थी। लेकिन राघव के मन में वही पुरानी सोच थी कि किताबें बोर करने वाली होती हैं। वह बस यहाँ-वहाँ इधर-उधर घूमता रहा, लेकिन फिर उसकी नज़र एक किताब पर पड़ी।

किताब का नाम था " एडवेंचर ऑफ़ लाइफ" राघव ने इसे उठाया और ध्यान से पढ़ने लगा। किताब में एक छोटे लड़के की कहानी थी, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन संघर्ष करता था। किताब में उसके जीवन के उतार-चढ़ाव, उसके साहसिक कारनामों और चुनौतियों का उल्लेख था। राघव को लगा कि यह कहानी उसे बहुत प्रभावित कर रही है, क्योंकि वह भी कभी कुछ बड़ा करना चाहता था

किताब से नया दृष्टिकोण

राघव ने उस किताब को पूरा पढ़ डाला और धीरे-धीरे उसकी सोच बदलने लगी। वह समझने लगा कि केवल खेलों में ही मज़ा नहीं होता, बल्कि किताबें भी जीवन के अनमोल अनुभव और ज्ञान का खजाना होती हैं। यह पहली किताब उसकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट बन गई।

अब राघव को किताबें पढ़ने का शौक लगने लगा। वह रोज़ नई-नई किताबें पढ़ता, और उसकी दुनिया खुलने लगी। उसकी समझ, सोच और दृष्टिकोण में गहरी परिवर्तन आया। स्कूल में भी उसकी पढ़ाई में सुधार हुआ और वह अब केवल अच्छे अंक लाता, बल्कि अपनी कक्षा में भी सबसे अच्छा प्रदर्शन करने लगा।

राघव की यह कहानी हमें सिखाती है कि

कभी-कभी हमारे जीवन का मोड़ बस एक किताब से आता है। किताबें सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं होतीं, वे हमारी सोच और दृष्टिकोण को नया रूप देती हैं। राघव की तरह अगर हम किताबों से दोस्ती करें तो हम केवल अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं, बल्कि जीवन में आने वाली चुनौतियों से भी निपट सकते हैं।

कभी-कभी एक किताब के जरिए हम अपनी जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकते हैं, क्योंकि किताबें सिर्फ हमें जानकारी देती हैं, बल्कि हमें नए सपने और नए रास्ते दिखाती हैं।

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