Nasa: पृथ्वी से टकराने वाला हैं बड़ा सौर तूफान, नासा ने जारी की चेतावनी, जानें भारत में इसका क्या असर होगा?

Nasa: पृथ्वी से टकराने वाला हैं बड़ा सौर तूफान, नासा ने जारी की चेतावनी, जानें भारत में इसका क्या असर होगा?
Last Updated: 8 घंटा पहले

सौर तूफान (Solar Storm) तब उत्पन्न होता है जब सूर्य से बड़े पैमाने पर ऊर्जा, प्लाज्मा और आवेशित कणों का उत्सर्जन होता है, जिसे कोरोनल मास इजेक्शन (CME) कहते हैं। जब यह सौर तूफान पृथ्वी की चुंबकीय परत (मैग्नेटोस्फियर) से टकराता है, तो यह कई प्रभाव डाल सकता है। यदि एक बड़ा सौर तूफान पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है और इससे टकराता हैं।

साइंस: अमेरिकी वैज्ञानिकों और नासा ने चेतावनी दी है कि एक बड़ा सौर तूफान जल्द ही पृथ्वी से टकरा सकता है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक संचार और अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। नासा की इस चेतावनी पर भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने बताया है कि सौर तूफान सूर्य से निकले आवेशित कणों, ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्र और अन्य सामग्री का अचानक विस्फोट होता है, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने पर विभिन्न प्रकार की परेशानियों का कारण बन सकता हैं।

पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है सौर तूफान

डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने कहा है कि पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा सौर तूफान दूरसंचार और उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकता है। भारतीय वैज्ञानिक इस घटना की लगातार निगरानी कर रहे हैं, और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विशेषज्ञों ने भारतीय उपग्रह ऑपरेटरों को सभी आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए सूचित कर दिया है। अगले कुछ दिन पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं क्योंकि सौर तूफान पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि "कुछ दिन पहले जो सौर ज्वाला भड़की थी, वह ताकत के मामले में मई में हुई ज्वाला के समान हैं।"

इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने मैग्नेटोस्फीयर की भी निगरानी करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि हमें इंतजार करना होगा क्योंकि सौर तूफान को पृथ्वी से टकराने में कुछ दिन लग सकते हैं, और आज या कल रात तक स्थिति स्पष्ट हो सकती है। भविष्यवाणियां अनिश्चित हैं, इसलिए हमें इसके असर का पता लगाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा।

भारत पर तूफान का प्रभाव

* संचार और इंटरनेट सेवाओं पर असर: सौर तूफान का असर भारत की संचार प्रणाली पर पड़ सकता है। रेडियो संचार में व्यवधान और सैटेलाइट्स के कामकाज में बाधा आ सकती है, जिससे जीपीएस, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

* बिजली ग्रिड: भारत के बिजली ग्रिड पर भी संभावित असर हो सकता है, विशेष रूप से उत्तर भारत में। हालाँकि, यह सौर तूफान की तीव्रता और दिशा पर निर्भर करेगा।

* वायु सेवाएं: भारत के उत्तरी क्षेत्र में उड़ने वाले विमानों को मार्ग बदलने की जरूरत पड़ सकती है, खासकर अंतरराष्ट्रीय ध्रुवीय मार्गों पर।

* आवश्यक सेवाओं में रुकावट: बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और अन्य डिजिटल प्रणालियों में व्यवधान आ सकता है, जो सैटेलाइट्स पर निर्भर होते हैं।

क्या है तूफान का कारण?

अमेरिकी वैज्ञानिकों और नासा ने चेतावनी दी है कि एक बड़ा सौर तूफान जल्द ही पृथ्वी से टकरा सकता है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक संचार और अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। नासा की इस चेतावनी पर भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने बताया है कि सौर तूफान सूर्य से निकले आवेशित कणों, ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्र और अन्य सामग्री का अचानक विस्फोट होता है, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने पर विभिन्न प्रकार की परेशानियों का कारण बन सकता हैं।

मई में आए तेज़ सौर तूफान के कारण पूरे उत्तरी गोलार्ध में खूबसूरत अरोरा देखा गया था। जब सौर तूफान पृथ्वी की ओर आता है, तो यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बड़ी गड़बड़ी पैदा कर सकता है, जिसे भू-चुंबकीय तूफान कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप रेडियो संचार में बाधा, बिजली कटौती और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के आसपास शानदार अरोरा देखने को मिलते हैं। हालांकि, सौर तूफान पृथ्वी पर सीधे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते क्योंकि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और वातावरण हमें इन खतरनाक प्रभावों से सुरक्षित रखते हैं।

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