Columbus

50 साल बाद Dussehra 2025 पर बन रहा दुर्लभ संयोग, इन राशि वालों के लिए शुभ अवसर

50 साल बाद Dussehra 2025 पर बन रहा दुर्लभ संयोग, इन राशि वालों के लिए शुभ अवसर

दशहरा 2025 कई मायनों में विशेष होने जा रहा है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 2 अक्टूबर को बन रहे दुर्लभ रवि योग, सुकर्मा योग और धृति योग पूरे 50 साल बाद दिखाई देंगे। मेष, सिंह, तुला और मकर राशि के जातकों के लिए यह समय सुनहरे अवसर और सफलता लेकर आएगा, जबकि अन्य राशियों पर भी इनका सकारात्मक प्रभाव रहेगा।

Dussehra 2025: दशहरा का पर्व इस साल 2 अक्टूबर को विशेष ज्योतिषीय संयोगों के साथ मनाया जाएगा। मेष, सिंह, तुला और मकर राशि के जातकों के लिए यह समय सुनहरे अवसर और सफलता का प्रतीक होगा। रवि योग, सुकर्मा योग और धृति योग के निर्माण से कार्यों में सफलता, आर्थिक लाभ और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ने की संभावना है। अगले दिन बुध-मंगल की युति भी शुभ परिणाम लेकर आएगी। यह पर्व व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में सकारात्मक बदलाव का अवसर प्रदान करेगा।

क्यों है यह पर्व इतना खास

दशहरा का पर्व हमेशा से विजय, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता रहा है। लेकिन साल 2025 का दशहरा कई मायनों में बेहद विशेष होने वाला है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी पर कुछ दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं, जो पूरे 50 साल बाद दिखाई देंगे।

इन संयोगों के कारण कुछ राशि जातकों के लिए यह समय सुनहरे अवसर लेकर आएगा। विशेष रूप से मेष, सिंह, तुला और मकर राशि के लोग इन अद्भुत योगों से अपने जीवन में नए द्वार खोलने की उम्मीद कर सकते हैं। इस साल दशहरा का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इन ज्योतिषीय संयोगों के कारण व्यक्तिगत और आर्थिक सफलता के लिए भी शुभ माना जा रहा है।

दशहरे पर बन रहे शुभ और दुर्लभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार, 2 अक्टूबर को रवि योग, सुकर्मा योग और धृति योग बन रहे हैं, जो हर दृष्टि से लाभकारी माने जाते हैं।

  • रवि योग: रवि योग को सभी प्रकार की अशुभताओं को नष्ट करने वाला और कार्यों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
  • सुकर्मा योग: सुकर्मा योग अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। इस योग में शुरू किए गए काम बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं और भाग्य का साथ मिलता है।
  • धृति योग: धृति योग स्थिरता, धैर्य और लंबी अवधि के लाभ देने वाला माना जाता है। इस योग में लिए गए निर्णय और प्रयास लंबे समय तक फलदायक रहते हैं।

इसके अलावा, दशहरे के अगले दिन यानी 3 अक्टूबर को बुध-मंगल की युति होने जा रही है। बुध ग्रह बुद्धि, व्यापार और वाणी के कारक हैं, जबकि मंगल ऊर्जा, साहस और पराक्रम के प्रतीक हैं। इन दोनों ग्रहों का मिलन कई राशियों के लिए विशेष रूप से शुभ फल लेकर आएगा।

इन 4 राशि वालों के लिए गोल्डन टाइम

मेष राशि (Aries)

मेष राशि के जातकों के लिए यह समय किसी वरदान से कम नहीं होगा।

  • करियर और व्यापार: अटके हुए काम पूरे होंगे। कार्यस्थल पर अधिकारियों और सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। व्यापार में बड़ा मुनाफा होने की संभावना है।
  • धन लाभ: आय के नए स्रोत बनेंगे और अप्रत्याशित धन लाभ हो सकता है।
  • स्वास्थ्य और संबंध: स्वास्थ्य उत्तम रहेगा और पारिवारिक संबंधों में मधुरता आएगी।

सिंह राशि (Leo)

सिंह राशि वालों के लिए यह अवधि भाग्योदय और मान-सम्मान लेकर आ रही है।

  • पदोन्नति और सम्मान: कार्यस्थल पर आपके काम की सराहना होगी। पदोन्नति या वेतन वृद्धि के योग बन रहे हैं।
  • भाग्य का साथ: लंबे समय से रुके कार्य पूरे होंगे और मेहनत का पूरा फल मिलेगा।
  • यात्रा: लाभदायक और शुभ यात्रा का योग बन सकता है।

तुला राशि (Libra)

तुला राशि वालों के लिए दशहरे के ये योग बेहद फलदायी रहेंगे।

  • व्यापार में वृद्धि: व्यापार से जुड़े लोगों के लिए समय विशेष रूप से लाभकारी है। निवेश से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है।
  • संबंधों में सुधार: वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों का अंत होगा। पार्टनरशिप के कार्य सफल होंगे।
  • मनचाही सफलता: निर्धारित लक्ष्य पूरे होने की संभावना है।

मकर राशि (Capricorn)

मकर राशि के जातकों के लिए यह समय अत्यंत शुभ रहने वाला है।

  • आर्थिक लाभ: आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार होगा और रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है।
  • निवेश: संपत्ति या वाहन की खरीदारी के लिए समय उत्तम है। नया निवेश भविष्य में लाभ देगा।
  • सामाजिक जीवन: मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्यों में भागीदारी बढ़ेगी, जिससे समाज में कद बढ़ेगा।

अन्य राशियों पर प्रभाव

अन्य राशियों पर भी इन दुर्लभ योगों का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन मेष, सिंह, तुला और मकर राशि के जातकों को विशेष रूप से लाभ होने की संभावना है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस अवधि में किए गए कार्यों का फल दीर्घकाल तक स्थिर और सकारात्मक रहेगा।

Leave a comment