आजमगढ़ जेल अधीक्षक आदित्य कुमार को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया गया। जनवरी 2024 से अक्टूबर 2025 के बीच जेल खाते से अवैध रूप से 52.58 लाख रुपये निकाले जाने का मामला सामने आया।
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के जेल अधीक्षक आदित्य कुमार को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। अपर महानिरीक्षक कारागार धर्मेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि जिला कारागार के केनरा बैंक खाते से जनवरी 2024 से 10 अक्टूबर 2025 के बीच अवैध रूप से 52.58 लाख रुपए निकाले गए। आदित्य कुमार को इस वित्तीय गड़बड़ी के लिए प्रथमदृष्टया उत्तरदायी पाया गया।
जेल प्रशासन ने निलंबन के साथ ही आदित्य कुमार को मुख्यालय कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं, लखनऊ से जोड़ दिया है। इस कार्रवाई से जेल प्रशासन में सख्त हड़कंप मचा हुआ है और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की जांच भी तेज कर दी गई है।
चेक के जरिए अवैध धन निकासी का खुलासा
अपर महानिरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि आदित्य कुमार के फर्जी सिग्नेचर का उपयोग करके दो बंदी और दो जेल कर्मी ने बैंक खाते से अवैध धनराशि निकाली। जांच में जेल अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
पिछले एक वर्ष में बंदियों और बंदी रक्षकों ने भी खाते से लाखों रुपये निकाल लिए थे। इस गंभीर वित्तीय गड़बड़ी के बाद उच्चाधिकारियों ने सख्त कार्रवाई की सिफारिश की। इससे यह स्पष्ट होता है कि जेल में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रशासन की निगरानी आवश्यक है।
जेल प्रशासन में हड़कंप
जेल अधीक्षक के निलंबन से जेल प्रशासन में सुनियोजित हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी और कर्मचारी इस मामले पर खुलकर बयान देने से बच रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि अभी कई और कर्मियों और अधिकारियों पर भी संभवत: कार्रवाई हो सकती है। इस घटना ने विभाग में भ्रष्टाचार और अनुशासन की कमी को भी उजागर किया है।
जेल प्रशासन ने वित्तीय अनुशासन सख्त किया
जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि आगे से ऐसे वित्तीय अनियमितताओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। सभी खातों और चेक ट्रांज़ैक्शन्स की समीक्षा तेज़ कर दी गई है।
साथ ही, अधिकारियों और कर्मचारियों को वित्तीय नियमों और प्रशासनिक अनुशासन का पालन करने की सख्त चेतावनी जारी की गई है। यह कदम विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।