Columbus

असम PWD इंजीनियर आत्महत्या मामला: CBI करेगी जांच, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दी मंजूरी

असम PWD इंजीनियर आत्महत्या मामला: CBI करेगी जांच, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दी मंजूरी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को एक अहम घोषणा की। उन्होंने बताया कि असम कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग (PWD) की एक सहायक अभियंता की संदिग्ध आत्महत्या मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने को मंजूरी दे दी है।

गुवाहाटी: असम में लोक निर्माण विभाग (PWD) की एक महिला सहायक अभियंता की संदिग्ध आत्महत्या ने राज्य में सनसनी फैला दी है। इस संवेदनशील और गंभीर मामले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाएगी। गुरुवार, 31 जुलाई को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कैबिनेट बैठक के बाद यह ऐलान किया।

क्या है पूरा मामला?

22 जुलाई 2025 को, बोंगाईगांव जिले में PWD की एक महिला सहायक अभियंता अपने किराए के अपार्टमेंट में मृत पाई गईं। प्रारंभिक जांच और परिस्थितिजन्य साक्ष्य इस ओर इशारा कर रहे हैं कि उन्होंने आत्महत्या की। आत्महत्या के पीछे एक निर्माण परियोजना से जुड़ा भारी मानसिक दबाव बताया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि यह दबाव बोंगाईगांव में बन रहे एक मिनी स्टेडियम के निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार को नजरअंदाज करने के लिए डाला जा रहा था। अभियंता की आत्महत्या ने सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और महिला अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

गुवाहाटी में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा: बोंगाईगांव में महिला PWD इंजीनियर की मौत का मामला बेहद संवेदनशील है। प्रारंभिक जांच के बाद कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि इसकी जांच अब CBI करेगी ताकि निष्पक्षता बनी रहे। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने पहले ही 7 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित किया था, जिसने अब तक कई अहम सुराग जुटाए हैं। फॉरेंसिक, पोस्टमार्टम, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) विश्लेषण और अन्य प्राथमिक जांच पूरी की जा चुकी है।

अब तक की जांच में क्या सामने आया?

  • वीडियोग्राफी और फॉरेंसिक जांच के जरिये मौके से अहम साक्ष्य इकट्ठा किए गए।
  • तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धाराओं के तहत नोटिस भी जारी किए गए हैं।
  • CDR विश्लेषण से यह संकेत मिला है कि मृतक अभियंता पर लगातार मानसिक दबाव डाला जा रहा था।

क्यों जरूरी हुई CBI जांच?

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इस मामले में अंतरराज्यीय संबंधों और उच्चाधिकारियों के संभावित संलिप्तता की आशंका को देखते हुए इसकी जांच CBI जैसी स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी से कराना आवश्यक हो गया था। उन्होंने यह भी कहा कि: जनता की व्यापक चिंता को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर हो।

इस मामले ने विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है। कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को पत्र लिखकर इस आत्महत्या की CBI जांच या अन्य स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। कांग्रेस नेताओं ने यह आरोप लगाया कि महिला इंजीनियर को सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने महिला अधिकारियों की कार्यस्थलों पर सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के समर्थन की भी मांग की।

कैबिनेट के अन्य अहम फैसले

मुख्यमंत्री सरमा ने इस संवेदनशील मुद्दे के अलावा कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी भी साझा की:

  • मुख्यमंत्री जीवन प्रेरणा योजना के दायरे को बढ़ाया गया है ताकि ज़रूरतमंदों को और अधिक सहायता मिल सके।
  • बराक नदी से बदरपुर शहर को चौबीसों घंटे पेयजल आपूर्ति देने हेतु 49.588 करोड़ रुपये की लागत से जल परियोजना को मंजूरी मिली।
  • स्वजल मित्रों और जल सहायकों की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में उनके परिजनों को ₹5 लाख की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
  • धेमाजी शहर की परिधि में रहने वाले 1,742 स्वदेशी भूमिहीन परिवारों को भूमि का स्थायी बंदोबस्त किया जाएगा।

इस आत्महत्या मामले ने सरकारी तंत्र के अंदर मौजूद मानसिक दबाव, प्रशासनिक भ्रष्टाचार और महिला कर्मचारियों की कार्यस्थल पर चुनौतियों को उजागर कर दिया है। 

Leave a comment