छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों ने 7 लाख रुपये के दो इनामी माओवादी ढेर किए। दोनों नक्सली कई हत्याओं में शामिल थे। मौके से हथियार और विस्फोटक बरामद हुए। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में बड़ी सफलता दर्ज की।
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर में सुरक्षाबलों ने माओवादी उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा टीम के संयुक्त सर्च ऑपरेशन में दो नक्सली मारे गए हैं, जिन पर कुल 7 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह माओवादी पिछले कुछ समय में इलाके में कई जघन्य अपराधों में शामिल रहे थे।
बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़
बीजापुर एसपी डॉ. जितेंद्र कुमार यादव के अनुसार, सुरक्षाबलों को जिले के दक्षिण-पश्चिमी इलाके में नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी। 17 सितंबर की दोपहर करीब 3 बजे मनकेली के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी दौरान सुरक्षाबलों का सामना नक्सलियों से हुआ। दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई।
मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की तलाशी लेने पर दो माओवादी मारे गए। उनके पास से एक 303 रायफल, एक बीजीएल लांचर और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। इस सफलता ने सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन को राहत दी।
मारे गए नक्सलियों की पहचान
मारे गए नक्सलियों की पहचान रघु हपका (33 वर्ष) और सुक्कू हेमला (32 वर्ष) के रूप में हुई। रघु हपका गंगालूर एरिया मिलिट्री कमांड का सदस्य था और उस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सुक्कू हेमला पेद्दाकोरमा आरपीसी मिलिशिया प्लाटून का डिप्टी कमांडर था और उस पर 2 लाख रुपये का इनाम था।
दोनों नक्सली बीजापुर जिले के पेद्दाकोरमा, मनकेली, गंगानूर और तोड़का जैसे गांवों में आतंक फैलाने और स्थानीय लोगों को डराने की घटनाओं में शामिल थे। इनके खिलाफ एक छात्र और चार ग्रामीणों सहित एक शिक्षादूत की हत्या के मामले भी दर्ज थे।
स्थानीय सुरक्षा में सुधार
पुलिस और सुरक्षा बलों का कहना है कि इस मुठभेड़ से नक्सलियों में हड़कंप मचा है। इलाके में सक्रिय माओवादी कमांडरों को बड़ी चोट लगी है। स्थानीय ग्रामीणों के लिए यह राहत की खबर है क्योंकि कई गांवों में पिछले महीनों में शिक्षकों और ग्रामीणों के खिलाफ हिंसक घटनाओं की बढ़ती संख्या ने डर का माहौल बना दिया था।
सुरक्षा बलों ने इलाके में सतर्कता बढ़ा दी है और ग्रामीणों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। इससे क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था मजबूत होगी।
आईजी ने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने की अपील की
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि सुरक्षाबलों की यह सफलता क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा और विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने नक्सली कैडरों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और मुख्यधारा में लौटकर सम्मानजनक जीवन जीने की ओर कदम बढ़ाएं।
आईजी ने बताया कि राज्य सरकार माओवादी कैडरों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, जिनमें पुनर्वास, रोजगार और शिक्षा के अवसर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटते हैं, उन्हें पूर्ण सुरक्षा और सामाजिक सम्मान मिलेगा।