कैलिफोर्निया में तेलंगाना के मोहम्मद निजामुद्दीन को पुलिस ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने भारत सरकार से पार्थिव शरीर महबूबनगर लाने में मदद की गुहार लगाई।
California: अमेरिका के कैलिफोर्निया में तेलंगाना के महबूबनगर जिले के 29 वर्षीय मोहम्मद निजामुद्दीन की पुलिस ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। यह घटना इस महीने की शुरुआत, यानी 3 सितंबर को हुई थी। पुलिस के अनुसार उस दिन सुबह करीब 6:18 बजे अधिकारियों को कॉल मिली और वे मौके पर पहुंचे। निजामुद्दीन को चाकू (knife) से लैस पाया गया, जो कथित तौर पर अपने रूममेट को धमका रहा था।
स्थिति तनावपूर्ण (tense) होने के कारण पुलिस ने गोली चलाई। गोली लगने के बाद निजामुद्दीन को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई। इस घटना ने परिवार में शोक और चिंता पैदा कर दी है, और उनके पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने भारत सरकार से हस्तक्षेप और मदद की गुहार लगाई है, ताकि उनके बेटे का पार्थिव शरीर महबूबनगर लाया जा सके।
पिता ने बताया घटना का हाल
मोहम्मद हसनुद्दीन ने बताया कि घटना 3 सितंबर को हुई थी और प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह झगड़ा किसी मामूली बात पर हुआ। हालांकि, उन्होंने कहा कि घटना की स्पष्ट परिस्थितियां अभी स्पष्ट नहीं हैं। उन्हें इस घटना की सूचना 18 सितंबर 2025 को मिली।
हसनुद्दीन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से अनुरोध किया कि वह वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास के माध्यम से उनके बेटे के पार्थिव शरीर को महबूबनगर वापस लाने में मदद करें। उन्होंने पत्र में लिखा कि उन्हें नहीं पता कि पुलिस ने गोली क्यों चलाई और अब उनका उद्देश्य केवल अपने बेटे के शव को सुरक्षित रूप से घर लाना है।
पुलिस प्रमुख ने किया कार्रवाई का बचाव
सांता क्लारा पुलिस प्रमुख कोरी मॉर्गन ने पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही स्थिति हिंसक (violent) हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि निजामुद्दीन के हाथ में चाकू था और वह फिर से हमला करने के लिए तैयार दिख रहा था। इस वजह से पुलिस के पास गोली चलाने (shooting) के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। घटनास्थल से दो चाकू बरामद किए गए। पुलिस ने कहा कि घायल रूममेट का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है और इस हस्तक्षेप से "और नुकसान को रोका गया और कम से कम एक जान बच गई।"
निजामुद्दीन की शिक्षा
मोहम्मद निजामुद्दीन एमएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में सॉफ्टवेयर पेशेवर (software professional) के तौर पर काम कर रहे थे। इस मामले पर मजलिस बचाओ तहरीक (MBT) के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने मीडिया के साथ पत्र साझा करते हुए विदेश मंत्री से परिवार की मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और भारतीय छात्र सुरक्षा (student safety) के दृष्टिकोण से भी सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।