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बेस्ट म्यूचुअल फंड कैसे चुनें: 6 जरूरी पैरामीटर और निवेश के स्मार्ट टिप्स

बेस्ट म्यूचुअल फंड कैसे चुनें: 6 जरूरी पैरामीटर और निवेश के स्मार्ट टिप्स


एक अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम वह मानी जाती है जिसने लंबे समय तक स्थिर और अपेक्षाकृत उच्च रिटर्न दिया हो, वो भी बाज़ार की अस्थिरता के बावजूद।

Mutual funds: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो सिर्फ दोस्त या सलाहकार की राय पर निर्भर न रहें। किसी भी फंड का चुनाव करने से पहले उसके प्रदर्शन को आंकने के कुछ ठोस मानदंडों को समझना बेहद जरूरी है। बहुत से निवेशक इन जरूरी फाइनेंशियल टर्म्स को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे उन्हें बाद में नुकसान उठाना पड़ता है। म्यूचुअल फंड की परफॉर्मेंस को आंकने के लिए 6 ऐसे प्रमुख पैरामीटर हैं, जिनकी मदद से आप बेस्ट फंड का चुनाव कर सकते हैं। ये पैरामीटर हैं: रोलिंग रिटर्न, शार्प रेशियो, सॉर्टिनो रेशियो, ट्रेयनोर रेशियो, अल्फा और अप/डाउन कैप्चर रेशियो।

रोलिंग रिटर्न: स्थिरता का पैमाना

रोलिंग रिटर्न यह बताता है कि किसी स्कीम ने लगातार अंतराल (जैसे हर महीने, हर तिमाही) पर कितना रिटर्न दिया है। यह एक खास अवधि के भीतर हर एक दिन या महीने के आधार पर गिने गए रिटर्न को मापता है। यह निवेशक को यह समझने में मदद करता है कि फंड समय के साथ कितना स्थिर रहा है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई फंड पिछले 10 सालों में 5 साल की रोलिंग अवधि के आधार पर बार-बार 12% से 15% रिटर्न देता रहा है, तो यह एक अच्छा संकेत है कि फंड की परफॉर्मेंस स्थिर रही है।

शार्प रेशियो: रिस्क के मुकाबले रिटर्न

शार्प रेशियो यह बताता है कि आपने जितना रिस्क लिया, उसके बदले कितना अतिरिक्त रिटर्न पाया। इसका सीधा फॉर्मूला है –
(फंड का रिटर्न – रिस्क फ्री रेट) ÷ स्टैंडर्ड डिविएशन

अगर शार्प रेशियो 1 से ऊपर है तो यह अच्छा माना जाता है। जितना अधिक शार्प रेशियो, उतना अधिक जोखिम समायोजित रिटर्न। यानी कम जोखिम में ज्यादा रिटर्न।

सॉर्टिनो रेशियो: सिर्फ डाउनसाइड रिस्क की गिनती

सॉर्टिनो रेशियो भी शार्प रेशियो जैसा ही होता है, लेकिन यह सिर्फ बुरे दिनों की वोलाटिलिटी को ध्यान में रखता है। अच्छे रिटर्न को यह 'रिस्क' नहीं मानता।

यदि कोई फंड सॉर्टिनो रेशियो के हिसाब से बेहतर स्कोर कर रहा है, तो इसका मतलब है कि यह फंड गिरावट के समय में निवेशकों को अच्छे से सुरक्षित रखता है।

ट्रेयनोर रेशियो: सिस्टेमेटिक रिस्क के मुकाबले परफॉर्मेंस

यह पैरामीटर दर्शाता है कि फंड ने उस जोखिम के मुकाबले कितना बेहतर रिटर्न दिया जो बाजार में आमतौर पर हर निवेशक को झेलना पड़ता है। इसे सिस्टेमेटिक रिस्क या बीटा के आधार पर मापा जाता है।

अगर फंड का बीटा ज्यादा है और ट्रेयनोर रेशियो भी अच्छा है, तो इसका मतलब है कि फंड ने अधिक जोखिम लेने के बावजूद बेहतर रिटर्न दिए हैं।

अल्फा: फंड मैनेजर की एक्स्ट्रा कमाई

अल्फा यह दर्शाता है कि फंड मैनेजर ने अपने निर्णयों से कितना एक्स्ट्रा रिटर्न कमाया, जो बेंचमार्क के परफॉर्मेंस से ऊपर है।

उदाहरण के लिए, अगर बेंचमार्क रिटर्न 10% है और फंड ने 12% दिया, जबकि उसके बीटा के हिसाब से सिर्फ 11% मिलना चाहिए था, तो अल्फा 1% होगा। इसका मतलब है कि फंड मैनेजर ने सही निर्णय लेकर अतिरिक्त कमाई करवाई।

अप/डाउन कैप्चर रेशियो: बाजार में उतार-चढ़ाव के समय की परफॉर्मेंस

अपसाइड कैप्चर रेशियो यह दिखाता है कि जब बाजार ऊपर जा रहा था, तब फंड ने कितना रिटर्न दिया।

डाउनसाइड कैप्चर रेशियो यह दिखाता है कि जब बाजार गिर रहा था, तब फंड ने कितना कम गिरावट दिखाई।

अगर कोई फंड 100% से अधिक अपसाइड कैप्चर और 100% से कम डाउनसाइड कैप्चर दिखा रहा है, तो वह एक अच्छा संकेत है कि फंड तेजी में ज्यादा कमा रहा है और मंदी में कम गिर रहा है।

कैसे मददगार हैं ये पैरामीटर

ये सभी पैरामीटर मिलकर यह बताने में मदद करते हैं कि कोई फंड कितना स्थिर, जोखिम-संतुलित और लाभकारी है। खासकर लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए ये विश्लेषण बेहद जरूरी है।

उदाहरण: ICICI प्रूडेंशियल मल्टी-एसेट फंड

अगर इन सभी मानकों पर बात करें तो ICICI प्रूडेंशियल मल्टी-एसेट फंड एक अच्छा उदाहरण हो सकता है।

  • शार्प रेशियो: 0.63 (श्रेणी औसत 0.42 से बेहतर)
  • ट्रेयनोर रेशियो: 2.72 (श्रेणी औसत 1.68 से ज्यादा)
  • सॉर्टिनो रेशियो: 2.0 से अधिक
  • 5 साल का औसत रिटर्न: 15-17% CAGR
  • अल्फा: पॉजिटिव
  • अप/डाउन कैप्चर रेशियो: रैली के समय उच्च प्रदर्शन और मंदी में सीमित गिरावट

यह फंड इक्विटी, डेट और कमोडिटी में संतुलित निवेश करता है और अपने निवेशकों को अच्छा जोखिम-समायोजित रिटर्न देता है।

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