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‘बेटियों की तबीयत ठीक नहीं’: चंद्रचूड़ ने बंगला खाली करने में देरी पर दी सफाई

‘बेटियों की तबीयत ठीक नहीं’: चंद्रचूड़ ने बंगला खाली करने में देरी पर दी सफाई

पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ रिटायरमेंट के बाद भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों की बीमारी और नए घर में मरम्मत के कारण देरी हुई। जल्द बंगला खाली कर दूंगा।

New Delhi: पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ रिटायरमेंट के आठ महीने बाद भी सरकारी आवास में रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर यह बंगला जल्द खाली कराने को कहा है। चंद्रचूड़ ने इसपर जवाब देते हुए अपनी बेटियों की गंभीर बीमारी और नए आवास में चल रहे काम को देरी का कारण बताया। उन्होंने कहा कि वह सार्वजनिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग हैं और जल्द ही बंगला खाली कर देंगे।

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सामने आया मामला

पूर्व CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अभी दिल्ली के 5 कृष्णा मेनन मार्ग स्थित टाइप-8 सरकारी बंगले में रह रहे हैं। रिटायरमेंट के करीब 8 महीने बाद भी सरकारी आवास न खाली करने पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा। कोर्ट का मानना है कि यह आवास वर्तमान में अन्य अधिकारी या न्यायिक पदाधिकारी के लिए जरूरी हो सकता है।

'मेरा सामान पैक है, लेकिन...' - चंद्रचूड़ ने दी सफाई

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि उनका पूरा सामान पैक हो चुका है और वे जल्द ही बंगला खाली कर देंगे। उन्होंने कहा कि "हम रेडी टू मूव हैं। संभवतः अगले 10 से 14 दिन के भीतर घर खाली कर दिया जाएगा। हमारे पास देरी का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि वह अपनी सार्वजनिक जिम्मेदारियों और मर्यादाओं से भलीभांति अवगत हैं और सरकारी आवास बनाए रखने की कोई इच्छा नहीं रखते।

बेटियों की बीमारी बना देरी का सबसे बड़ा कारण

पूर्व CJI ने बताया कि उनकी दोनों बेटियों प्रियंका और माही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं। दोनों बेटियों को एक दुर्लभ बीमारी है, जिसके चलते उनका विशेष ख्याल रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी एक बेटी को ICU जैसे सेटअप की आवश्यकता होती है, जिसे नए घर में स्थापित किया जाना है। इसी कारण से वे नए बंगले में शिफ्ट होने से पहले उसकी आवश्यक सुविधाएं तैयार करवा रहे हैं।

चंद्रचूड़ ने एक निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि शिमला प्रवास के दौरान उनकी बेटी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उसे सांस लेने में तकलीफ हुई और 44 दिन ICU में भर्ती रहना पड़ा। वर्तमान में उनकी बेटी ट्रेकियोस्टॉमी ट्यूब पर है, जिसे रोजाना साफ करना पड़ता है। इस वजह से नए आवास को उस medically sensitive वातावरण के अनुसार तैयार करना जरूरी हो गया है।

नए आवास में चल रहा कार्य बना दूसरी बड़ी वजह

पूर्व सीजेआई को दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग स्थित एक नया बंगला आवंटित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह बंगला पिछले दो वर्षों से खाली था क्योंकि कोई भी न्यायाधीश वहां रहने को तैयार नहीं था। बंगले की स्थिति ठीक नहीं थी और इसमें मरम्मत व पुनर्निर्माण का कार्य जरूरी था। उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने जून तक काम पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ जरूरी बदलावों और स्वास्थ्य की जरूरतों के चलते काम में समय लग गया।

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