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बिहार चुनाव या ट्रंप टैरिफ? पी. चिदंबरम ने जीएसटी कटौती की टाइमिंग पर उठाए सवाल

बिहार चुनाव या ट्रंप टैरिफ? पी. चिदंबरम ने जीएसटी कटौती की टाइमिंग पर उठाए सवाल

केंद्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी (Goods and Services Tax) दरों में व्यापक सुधारों की घोषणा की है। जीएसटी परिषद ने बुधवार को निर्णय लिया कि अब देश में कर संरचना को सरल बनाने के लिए दो प्रमुख दरें 5% और 18% लागू होंगी। यह नई व्यवस्था 22 सितंबर से प्रभावी होगी। 

GST Reforms 2025: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल ही में सरकार द्वारा की गई जीएसटी दरों में कटौती का स्वागत तो किया है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर सवाल भी खड़े कर दिए। चिदंबरम ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा कि आखिर यह कदम उठाने में 8 साल क्यों लग गए।

उन्होंने सरकार से छह अहम सवाल किए और कटौती की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए। चिदंबरम ने कहा कि यह फैसला क्या ट्रंप के टैरिफ से जुड़ा है या फिर आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए लिया गया है।

चिदंबरम का सरकार पर सवाल

पी. चिदंबरम ने जीएसटी दरों में कटौती का स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि यह कदम उठाने में 8 साल क्यों लग गए? उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सरकार से छह अहम प्रश्न पूछे। उनका पहला सवाल यही था कि क्या यह दरें पहली बार में ही लागू नहीं करनी चाहिए थीं? कांग्रेस नेता का कहना है कि विपक्ष लंबे समय से दरों को युक्तिसंगत बनाने की मांग कर रहा था, लेकिन सरकार ने उन दलीलों पर ध्यान नहीं दिया। चिदंबरम ने अपने पोस्ट में पूछा:

  • क्या जीएसटी दरों में कटौती सुस्त विकास दर को ध्यान में रखते हुए की गई है?
  • क्या यह फैसला घरेलू कर्ज में बढ़ोतरी के कारण लिया गया है?
  • क्या घरेलू बचत में गिरावट इसकी वजह है?
  • क्या यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से है?
  • क्या ट्रंप प्रशासन के टैरिफ फैसलों ने भारत सरकार को मजबूर किया?
  • या फिर क्या यह सभी कारण मिलकर इस सुधार की वजह बने हैं?

इन सवालों के जरिये उन्होंने साफ कर दिया कि कांग्रेस सरकार की नीयत और इसकी टाइमिंग पर शक कर रही है।

जीएसटी परिषद का फैसला

जीएसटी परिषद की बैठक में सभी राज्यों ने दरों को युक्तिसंगत बनाने का समर्थन किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है और इससे टैक्स स्ट्रक्चर सरल होगा। हालांकि, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने चेतावनी दी कि इस कदम से राज्यों को लगभग 47,700 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा। 

वहीं, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अहितकर (sin goods) और लग्ज़री वस्तुओं पर 40% से अधिक कर लगाने का फैसला बाद में लिया जाएगा।

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