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Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल, CM फेस को लेकर बना सस्पेंस

Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल, CM फेस को लेकर बना सस्पेंस

बिहार महागठबंधन ने विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूला लगभग तय कर लिया। कांग्रेस को 56-58, RJD को 145, VIP को 18-20 और लेफ्ट को 22 सीटें मिलने की संभावना है। CM फेस पर सस्पेंस जारी।

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) ने सीट शेयरिंग (seat sharing) का फॉर्मूला लगभग final कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, रविवार की देर रात बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख तेजस्वी यादव के आवास पर घटक दलों की लंबी बैठक हुई। बैठक में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर लगभग सहमति बनी है, लेकिन मुख्यमंत्री (CM) फेस को लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है।

तेजस्वी यादव की CM फेस को लेकर स्थिति

महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव इस बार बिहार में बदलाव का संदेश दे रहे हैं। हालांकि, सीएम फेस को लेकर सभी दलों में सहमति नहीं बन पाई है। यह मुद्दा महागठबंधन के लिए चुनाव रणनीति (election strategy) में अहम है। तेजस्वी यादव के सीएम फेस होने या न होने का निर्णय गठबंधन की वोट शेयरिंग और सियासी समीकरण (political equation) को प्रभावित कर सकता है।

कांग्रेस को कितनी मिल सकती हैं सीटें

सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन में कांग्रेस (Congress) को इस बार 56 से 58 सीटें मिल सकती हैं। आरजेडी (RJD) को लगभग 145 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। वहीं, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के खाते में 18 से 20 सीटें आ सकती हैं। इसके अलावा, लेफ्ट पार्टियों को 22 सीटें मिलने की संभावना है।

हालांकि, पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महागठबंधन में शामिल होने पर अभी अंतिम फैसला बाकी है।

बिहार में चुनाव की तारीख और मतदान प्रक्रिया

बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर इस बार दो चरणों में मतदान (voting) होगा। पहले चरण में 6 नवंबर को बिहार के 16 जिलों की 71 सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण में 11 नवंबर को शेष सीटों पर वोट डाले जाएंगे। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के बाद सूबे में राजनीतिक सरगर्मी (political activity) बढ़ गई है और सभी दल अपनी चुनाव रणनीति (election strategy) पर जोर दे रहे हैं।

प्रशांत किशोर की भूमिका

चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) इस बार बिहार में सक्रिय हैं। वह 9 अक्टूबर को जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party) के उम्मीदवारों का ऐलान करेंगे। प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह खुद भी चुनाव लड़ सकते हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) ने पहले ही बिहार चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।

महागठबंधन के चुनावी समीकरण पर असर

महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होने के बाद राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। आरजेडी, कांग्रेस, VIP और लेफ्ट पार्टियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिशें जारी हैं। सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से यह तय होगा कि किस क्षेत्र में कौन सा दल उम्मीदवार उतारेगा और किस हिस्से में गठबंधन का उम्मीदवार रहेगा। यह चुनावी रणनीति (election strategy) महागठबंधन की जीत के लिए अहम मानी जा रही है।

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