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बिहार में SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटे

बिहार में SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटे

बिहार में चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया के तहत संशोधित वोटर लिस्ट का पहला ड्राफ्ट जारी किया है। लोग 1 अगस्त से ECI की वेबसाइट पर अपना नाम देख सकेंगे और 1 सितंबर तक आपत्ति दर्ज करा सकेंगे।

Bihar SIR: चुनाव आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (Special Intensive Revision - SIR) के तहत संशोधित मतदाता सूची का पहला ड्राफ्ट गुरुवार को जारी कर दिया। इस प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य के सभी 38 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) द्वारा सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की फिजिकल और डिजिटल कॉपी सौंपी गई।

इसके साथ ही शाम 3 बजे से आम नागरिक भी चुनाव आयोग की वेबसाइट https://voters.eci.gov.in/download पर जाकर यह देख सकते हैं कि उनका नाम सूची में है या नहीं। जिनका नाम इस ड्राफ्ट सूची में नहीं है, वे 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच अपनी आपत्ति या दावा दर्ज करा सकते हैं।

65 लाख लोगों के नाम ड्राफ्ट से गायब, जानिए क्यों?

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि बिहार में 24 जून से शुरू हुई SIR प्रक्रिया के तहत 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं। इसका मतलब है कि करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम इस मसौदा सूची में शामिल नहीं हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि सूची से नाम हटाने के मुख्य कारण हैं:

  • मतदाता की मृत्यु
  • स्थायी स्थानांतरण
  • एक से अधिक स्थानों पर नाम दर्ज होना

अब क्या करें वे लोग जिनका नाम ड्राफ्ट में नहीं है?

चुनाव आयोग ने बताया है कि जिन लोगों के नाम मसौदा सूची में नहीं हैं, वे फॉर्म 6 भरकर नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक चलेगी। इस दौरान सभी पात्र नागरिक नाम जुड़वाने, हटवाने और जानकारी सुधारने के लिए दावा-आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।

यह दावे-आपत्तियां सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन अधिकारियों (EROs) के पास जमा कराई जा सकेंगी।

युवा मतदाताओं के लिए विशेष अभियान

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि जो युवा 1 जुलाई 2025 को 18 वर्ष पूरे कर चुके हैं या 1 अक्टूबर 2025 तक पूरे करेंगे, वे भी फॉर्म 6 भरकर मतदाता सूची में नाम दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए आयोग 1 अगस्त से 1 सितंबर तक बिहार भर में विशेष पंजीकरण अभियान चलाने जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।

SIR प्रक्रिया की शुरुआत बिहार से, आगे देशभर में विस्तार

24 जून को जारी चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, यह विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया बिहार से शुरू की गई है और आगे चलकर इसे देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा। इसी फैसले को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है और इस प्रक्रिया को छिपे तौर पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू करने का प्रयास बताया है।

संसद में SIR के खिलाफ विरोध, कार्यवाही स्थगित

SIR प्रक्रिया को लेकर शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में काफी हंगामा देखने को मिला। INDIA ब्लॉक में शामिल विपक्षी दलों के सांसदों ने सुबह 10:30 बजे संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस, DMK, RJD सहित अन्य दलों के नेताओं ने हाथ में प्लेकार्ड और पोस्टर लेकर चुनाव आयोग के इस कदम को लोकतंत्र पर हमला बताया। विरोध में सांसदों ने नारे लगाए – "SIR लोकतंत्र पर वार है"।

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्षी सांसदों से शांति बनाए रखने की अपील की लेकिन हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा था, जिसके कारण दोपहर 2 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

विपक्ष का आरोप: "ये वोटों की चोरी है"

विपक्ष का दावा है कि यह पूरी प्रक्रिया जनता की जानकारी के बिना और जल्दबाज़ी में लागू की जा रही है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे लाखों पात्र मतदाता मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, DMK के ए. राजा और RJD की मीसा भारती ने कहा कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर हमला है और इसपर संसद में गंभीर चर्चा होनी चाहिए।

अंतिम मतदाता सूची कब जारी होगी?

चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में SIR प्रक्रिया का अंतिम चरण 30 सितंबर 2025 को समाप्त होगा। उस दिन फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसमें सभी दावे-आपत्तियों की समीक्षा के बाद नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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