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यूपी बनेगा अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश का मंच, रूस–भारत संबंध होंगे और मजबूत

यूपी बनेगा अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश का मंच, रूस–भारत संबंध होंगे और मजबूत

उत्तर प्रदेश की धरती अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बनती जा रही है। उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी (UPITS 2025) के एक हिस्से के रूप में 26 सितंबर, 2025 को ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में 'रूस–भारत व्यापार संवाद' आयोजित किया जाएगा। 

ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी (यूपीआईटीएस 2025) के तहत 'रूस-भारत व्यापार संवाद' 26 सितंबर, 2025 को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बयान में कहा कि रूस के भागीदार देश होने के कारण यह आयोजन उत्तर प्रदेश और भारत दोनों के लिए नए व्यापार अवसर खोलने में महत्वपूर्ण साबित होगा। बयान में यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश की धरती एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय निवेश और साझेदारी का मंच बनने जा रही है।

यूपी में अंतरराष्ट्रीय निवेश का बढ़ता केंद्र

उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीतियों और निवेश-अनुकूल माहौल की वजह से प्रदेश ने वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। उनके शासन में लागू किए गए ‘कारोबारी सुगमता’ सुधार, पारदर्शी नीतियां और अवसंरचना विकास विदेशी निवेशकों का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं।

यूपीआईटीएस 2025 के दौरान आयोजित रूस–भारत व्यापार संवाद प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय निवेश और साझेदारी के मंच के रूप में मजबूती से स्थापित करेगा। यह संवाद सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगा, जिसमें दोनों देशों के उद्योगपतियों, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों, शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों और सरकारी नीति-निर्माताओं की भागीदारी होगी।

रूस–भारत व्यापार संवाद का मुख्य उद्देश्य

भारत और रूस के बीच व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाना।

  • तकनीकी सहयोग और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना।
  • शिक्षा, बीमा और निवेश के क्षेत्रों में नए निवेश मॉडल और साझेदारियों को प्रोत्साहित करना।
  • संयुक्त उपक्रमों और व्यापारिक नेटवर्किंग के माध्यम से दोनों देशों के उद्योगों को लाभ पहुंचाना।

इस कार्यक्रम में बैंकिंग, निवेश, बीमा, शिक्षा और सामान्य व्यापार जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष चर्चा होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे यूपी के उद्योग और कारोबारी भी सीधा लाभ उठाएंगे और प्रदेश की वैश्विक आर्थिक उपस्थिति और मजबूत होगी।

रूस–भारत संबंधों को नया आयाम

रूस इस वर्ष यूपीआईटीएस का भागीदार देश होने के नाते उत्तर प्रदेश और भारत दोनों के लिए व्यापारिक अवसरों की नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। इस पहल से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे और शिक्षा, बीमा, तकनीकी हस्तांतरण और निवेश के क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के संवाद व्यापारिक सहयोग, निवेश और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देते हैं, जिससे प्रदेश और देश दोनों के उद्योग और स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।

उत्तर प्रदेश में ऐसे अंतरराष्ट्रीय आयोजन यह स्पष्ट करते हैं कि प्रदेश सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक निवेश और साझेदारी का केंद्र बनता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश ने अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक आयोजनों और निवेश सम्मेलनों के माध्यम से विदेशी निवेशकों का विश्वास जीतने में सफलता प्राप्त की है।

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