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बिहार चुनाव 2025: सूर्यगढ़ा सीट पर प्रहलाद यादव बनाएंगे रेकॉर्ड या होगा बड़ा बदलाव? जानें समीकरण

बिहार चुनाव 2025: सूर्यगढ़ा सीट पर प्रहलाद यादव बनाएंगे रेकॉर्ड या होगा बड़ा बदलाव? जानें समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयारियों का दौर तेज़ है और सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर भी राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं। यह सीट 1951 में स्थापित हुई थी और ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जानी जाती है। 

सूर्यगढ़ा: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सूर्यगढ़ा सीट पर भी सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत लगाएंगे, लेकिन इस बार भी यह सीट प्रहलाद यादव के खाते में जाने की संभावना ज्यादा है।  इस सीट पर किसी एक पार्टी का स्पष्ट दबदबा नहीं रहा है, लेकिन प्रहलाद यादव ने अपनी पकड़ मजबूत कर रखी है। वे लगातार पांच बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं और छठी बार जीतना उनके लिए मुश्किल नहीं लग रहा। प्रहलाद यादव की मजबूत स्थिति के कारण यह सीट आरजेडी के लिए अपेक्षाकृत आसान मानी जा रही है।

प्रहलाद यादव का रिकॉर्ड

सूर्यगढ़ा सीट पर प्रहलाद यादव की छवि मजबूत है। उन्होंने लगातार पांच बार इस सीट से जीत दर्ज की है। 2025 के चुनाव में भी उनके जीतने की संभावना अधिक दिखाई दे रही है। उनकी लोकप्रियता और स्थानीय जनसमर्थन के चलते यह सीट आरजेडी के लिए अपेक्षाकृत आसान मानी जा रही है। प्रहलाद यादव की वजह से सूर्यगढ़ा में चुनावी समीकरण में स्थिरता बनी हुई है। 

उनके खिलाफ उतरे उम्मीदवारों को चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, खासकर तब जब प्रहलाद यादव के पास मजबूत स्थानीय संगठन और वोट बैंक है।

एनडीए और विपक्षी गठबंधन की भूमिका

इस बार एनडीए गठबंधन पहले से ज्यादा मजबूत स्थिति में है। 2020 में चिराग पासवान की पार्टी रालोद ने बगावत कर दी थी, जिससे एनडीए को नुकसान हुआ था। लेकिन इस बार रालोद का गठबंधन एनडीए के साथ है। इससे बीजेपी उम्मीदवार के लिए जीत की राह आसान हो सकती है। इसके अलावा, प्रशांत किशोर की पार्टी भी इस चुनाव में सक्रिय भूमिका निभा सकती है। 

उनकी पार्टी के उम्मीदवार वोट काटने का काम करेंगे, जिससे सूर्यगढ़ा के पारंपरिक समीकरण बदल सकते हैं। ऐसे में यह सीट केवल आरजेडी या एनडीए के बीच मुकाबला नहीं, बल्कि तीसरे मोर्चे के प्रभाव का भी सेंटर बन सकती है।

सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट का ऐतिहासिक परिदृश्य

सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर अब तक कुल 17 चुनाव हुए हैं। यहां पर विभिन्न दलों और उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।

  • आरजेडी, कांग्रेस और भाकपा: 4-4 बार जीत
  • बीजेपी और निर्दलीय उम्मीदवार: 2-2 बार जीत
  • प्रजा सोशलिस्ट पार्टी: 1 बार जीत

हालांकि, अकेले प्रहलाद यादव ने पांच बार जीत हासिल कर इस सीट पर अपनी धाक जमाई है। इस रिकॉर्ड के चलते उनके छठी बार विधायक बनने की संभावना अधिक मानी जा रही है। 2010 में सूर्यगढ़ा सीट बीजेपी के खाते में गई थी, लेकिन इसके बाद से आरजेडी का दबदबा बढ़ा है। पिछली बार भी आरजेडी उम्मीदवार ने यहां से जीत दर्ज की थी।

इस बार की स्थिति में आरजेडी के पक्ष में प्रहलाद यादव का अनुभव और स्थानीय पहचान निर्णायक साबित हो सकती है। वहीं, एनडीए के मजबूत गठबंधन और रालोद की भागीदारी इसे चुनौतीपूर्ण बनाती है।

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