चंदौली के डीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ और GRP ने पिट्ठू बैग में छिपाकर ले जाए जा रहे करीब 36 लाख रुपये बरामद किए। व्यक्ति को हिरासत में लेकर आयकर विभाग को सौंपा गया।
चंदौली: उत्तरप्रदेश के चंदौली में स्थित डीडीयू जंक्शन, जो एशिया के सबसे बड़े जंक्शनों में से एक है, पर रेलवे सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर नकदी बरामद की है। डीडीयू आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने करीब 36 लाख रुपये एक व्यक्ति के पास से बरामद किए। आरोपी व्यक्ति से बरामद रकम से संबंधित दस्तावेज नहीं मिलने के कारण उसे हिरासत में लिया गया और मामले की जांच आयकर विभाग के साथ मिलकर की जा रही है।
फुट ओवर ब्रिज पर संदिग्ध व्यक्ति देखा गया
रेलवे में अपराध रोकने के लिए उच्चाधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के नेतृत्व में बुधवार देर रात स्टेशन पर गस्त और चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था।
जांच के दौरान जवानों ने स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज पर एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा। व्यक्ति के पास पिट्ठू बैग और अन्य सामान था। संदिग्ध गतिविधियों पर संदेह होने पर जवानों ने व्यक्ति से पूछताछ की।
तलाशी में 35 लाख 60 हजार रुपये बरामद
व्यक्ति ने बताया कि बैग में केवल दैनिक प्रयोग का सामान है। जवानों को इस जवाब पर संदेह हुआ और उन्होंने बैग की तलाशी ली। तलाशी में कुल 35 लाख 60 हजार रुपये पाए गए।
जवानों ने रुपये से संबंधित दस्तावेज दिखाने के लिए कहा, लेकिन व्यक्ति कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। इसके बाद उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
आरोपी ने वाराणसी से बंगाल ले जाने की जानकारी दी
हिरासत में लिए गए व्यक्ति की पहचान आशीष दुआ के रूप में हुई, जो पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर का रहने वाला है। पूछताछ में आशीष ने बताया कि वह उक्त नकदी वाराणसी से बंगाल ले जा रहा था।
आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि आशीष दुआ के पास से बरामद नकदी की कोई वैध दस्तावेजी पुष्टि नहीं थी। इसलिए मामले की जानकारी तुरंत आयकर विभाग, वाराणसी को दी गई।
आयकर विभाग ने स्टेशन पर की कार्रवाई
सूचना मिलते ही आयकर विभाग के अधिकारी डीडीयू स्टेशन पहुंचे। बरामद नकदी और आशीष दुआ को आयकर विभाग के सुपुर्द किया गया। विभाग आगे की जांच में जुटा है और आशीष से रकम के स्रोत और उद्देश्य के बारे में पूछताछ कर रहा है।
रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा अभियान और संदेहास्पद व्यक्तियों की निगरानी अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि बड़े पैमाने पर नकदी ले जाने वाले लोग अक्सर नियमों का उल्लंघन करते हैं।