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चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल, शशि थरूर ने उठाए वोट चोरी के आरोप, विपक्ष ने दिया कड़ा जवाब

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल, शशि थरूर ने उठाए वोट चोरी के आरोप, विपक्ष ने दिया कड़ा जवाब

वोट चोरी के आरोपों और मतदाता सूची विवाद को लेकर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग का घेराव किया। राहुल गांधी के नेतृत्व में मार्च के दौरान कई नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

SIR: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि चुनाव आयोग की साख तभी बहाल हो सकती है, जब देश के लोगों के मन से चुनावों की निष्पक्षता को लेकर सभी शंकाएं खत्म हो जाएं। थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है, जब विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (Special Intensive Revision - SIR) और वोट चोरी के आरोपों को लेकर निर्वाचन सदन (Election Commission Headquarters) की ओर मार्च कर रहा है।

राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष का प्रदर्शन

मार्च में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राजद और अन्य विपक्षी दल शामिल हुए। विपक्ष का आरोप है कि मतदाता सूचियों में हेरफेर कर वोट चोरी की जा रही है और चुनाव आयोग इस पर गंभीर कार्रवाई नहीं कर रहा। राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी नेता संसद के मकर द्वार से मार्च शुरू कर निर्वाचन सदन तक पहुंचना चाहते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने रास्ते में उन्हें रोक दिया।

शशि थरूर का सख्त बयान

एएनआई से बातचीत में शशि थरूर ने कहा, "जब तक लोगों के दिलों में चुनावों की ईमानदारी पर सवाल हैं, तब तक चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर दाग रहेगा। इन शंकाओं को दूर करना आयोग के अपने हित में है।" थरूर का मानना है कि आयोग को विपक्ष और जनता दोनों के भरोसे को बहाल करने के लिए पारदर्शी कदम उठाने होंगे।

समाजवादी पार्टी और RJD का हमला

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने उत्तर प्रदेश के हालिया उपचुनाव का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि "10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में न केवल वोट चोरी हुई बल्कि बूथ कैप्चरिंग भी की गई।" उन्होंने सवाल उठाया कि "आयोग ने राज्य सरकार के इशारे पर काम करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।"

राजद (RJD) सांसद मनोज झा ने SIR प्रक्रिया को "धोखा" करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद गोपनीय डेटा साझा नहीं कर रहा। झा ने कहा, "अगर आप सांसदों से मिलने के लिए जगह की कमी का बहाना बना रहे हैं, तो यह आपके कामकाज पर सीधी टिप्पणी है।"

दिल्ली पुलिस का बयान और विपक्ष की प्रतिक्रिया

दिल्ली पुलिस ने कहा कि विपक्षी दलों ने इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। इस पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, "वह कभी अनुमति देते ही नहीं। यह सरकार के इशारे पर सियासी भाषा बोल रहे हैं। हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए मार्च कर रहे हैं और आयोग तक पहुंचने की पूरी कोशिश करेंगे।"

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "राहुल गांधी गांधी जी के रास्ते पर चल रहे हैं। जैसे दांडी मार्च आजादी के लिए था, वैसे ही यह मार्च लोकतंत्र बचाने के लिए है।" उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग विपक्ष की बात को गंभीरता से नहीं ले रहा और अनावश्यक दस्तावेज मांग रहा है।

SIR प्रक्रिया पर विवाद

विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (SIR) प्रक्रिया पर कई दलों ने पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि इस प्रक्रिया में मतदाता सूचियों से नाम काटने और जोड़ने के मामले में निष्पक्षता नहीं बरती जा रही। विपक्षी दल चाहते हैं कि चुनाव आयोग इस पर खुलकर स्पष्टीकरण दे और जनता का भरोसा बहाल करे।

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