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Diamond League 2025: पेरिस में नीरज चोपड़ा ने लहराया तिरंगा, पहले ही थ्रो में किया कमाल

Diamond League 2025: पेरिस में नीरज चोपड़ा ने लहराया तिरंगा, पहले ही थ्रो में किया कमाल

भारतीय एथलेटिक्स के स्वर्णिम सितारे नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अपने शानदार प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया है। शुक्रवार, 20 जून 2025 को पेरिस में आयोजित डायमंड लीग में नीरज ने 88.16 मीटर का जबरदस्त थ्रो करके न केवल सीजन की अपनी पहली जीत दर्ज की।

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय एथलेटिक्स का चमकता सितारा नीरज चोपड़ा एक बार फिर अपनी चमक बिखेरते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का परचम लहराने में सफल रहे। 20 जून 2025 को पेरिस में आयोजित डायमंड लीग में नीरज ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 88.16 मीटर के भाले फेंक के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि यह उनके करियर की पांचवीं डायमंड लीग खिताबी जीत थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि नीरज अब सिर्फ ओलंपिक चैंपियन नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे स्थिर और विश्वसनीय जेवलिन थ्रोअर बन चुके हैं।

पहले प्रयास में ही किया जीत का दावा

प्रतियोगिता की शुरुआत नीरज ने जिस अंदाज़ में की, उसने न सिर्फ दर्शकों को रोमांचित किया, बल्कि उनके प्रतिद्वंद्वियों को भी चौका दिया। नीरज ने पहले ही प्रयास में 88.16 मीटर का थ्रो कर दिया, जो अंत तक सर्वोच्च रहा। इस थ्रो ने उन्हें बाकी के थ्रो में ‘बैकफुट लेकिन नियंत्रण’ की स्थिति में डाल दिया, और उन्होंने यह बढ़त प्रतियोगिता समाप्त होने तक बनाए रखी।

नीरज के मुकाबले में सबसे बड़ा नाम था जर्मनी के जूलियन वेबर, जिन्होंने 2023 की दोहा डायमंड लीग में नीरज को हराया था। इस बार हालांकि, वेबर 86.20 मीटर से आगे नहीं निकल पाए और नीरज के लिए कोई वास्तविक चुनौती पेश नहीं कर सके।

स्थिरता बनी नीरज की पहचान

हालांकि नीरज के बाकी पांच थ्रो में कोई और प्रयास 88 मीटर के पार नहीं गया, लेकिन उन्होंने हर प्रयास में अनुशासन और संतुलन बनाए रखा। थ्रो में उनकी तकनीक, रन-अप की तीव्रता और थ्रो के बाद का नियंत्रण, यह दर्शाता है कि नीरज अब सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक रूप से भी खेल के उच्चतम स्तर पर हैं।यही स्थिरता अब उन्हें “वन टाइम ओलंपिक हीरो” से कहीं अधिक बड़ा खिलाड़ी बनाती है — एक ऐसी पहचान जो विश्वस्तर पर वर्षों तक कायम रहने वाली है।

ब्राज़ील के दा सिल्वा का सरप्राइज़

प्रतियोगिता के अंतिम चरण में एक और नाटकीय मोड़ आया, जब ब्राज़ील के मौरिसियो लुईज दा सिल्वा ने 86.20 मीटर का थ्रो कर नया महाद्वीपीय रिकॉर्ड बना दिया और पोडियम पर तीसरा स्थान हासिल किया। इससे पहले तक ट्रिनिडाड एंड टोबैगो के वाल्कोट तीसरे स्थान पर थे, लेकिन दा सिल्वा के थ्रो ने सबको चौंका दिया।

पेरिस में नीरज की यह वापसी भी एक प्रतीकात्मक कहानी है। साल 2017 में जब वे जूनियर चैंपियन बनकर पेरिस आए थे, तब वे प्रतियोगिता में पांचवें स्थान पर रहे थे। और अब, आठ साल बाद, उसी मैदान पर नीरज विजेता के रूप में खड़े हैं। यह केवल रैंकिंग का बदलाव नहीं है, बल्कि एक दशक की कड़ी मेहनत, अनुशासन और मानसिक शक्ति का सजीव उदाहरण है।

आगे का सफर

नीरज अब अगले सप्ताह यानी 24 जून को चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में 'गोल्डन स्पाइक एथलेटिक्स मीट' में हिस्सा लेंगे। लेकिन इससे भी बड़ा उत्सव तब देखने को मिलेगा जब 4 जुलाई को पहली बार भारत में उनके नाम पर 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' का आयोजन होगा। यह भारतीय एथलेटिक्स में मील का पत्थर होगा और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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