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दिल्ली के मेडिकल छात्रों को बड़ा झटका: जामिया हमदर्द ने MBBS और PG की सभी सीटें की रद्द, जानें वजह

दिल्ली के मेडिकल छात्रों को बड़ा झटका: जामिया हमदर्द ने MBBS और PG की सभी सीटें की रद्द, जानें वजह

दिल्ली में MBBS और PG मेडिकल कोर्स का सपना संजोए छात्रों के लिए यह एक निराशाजनक खबर है। जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अपनी सभी 150 MBBS और 49 PG मेडिकल सीटों को वापस लेने का फैसला किया है। 

MBBS or PG: दिल्ली-एनसीआर के मेडिकल छात्रों के लिए यह खबर अत्यंत निराशाजनक है। प्रसिद्ध जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अपने प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (HIMSR) की सभी MBBS और PG मेडिकल सीटों को रद्द करने का निर्णय लिया है। यह कदम वित्तीय अनियमितताओं और प्रशासनिक हस्तक्षेप के चलते उठाया गया है, जिससे सैकड़ों छात्रों का भविष्य अनिश्चितता में पड़ गया है।

150 MBBS और 49 PG सीटें हुईं रद्द

जामिया हमदर्द की ओर से यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब NEET काउंसलिंग 21 जुलाई से शुरू होने जा रही है। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि 150 एमबीबीएस और 49 पीजी मेडिकल सीटें अब आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगी। इसका सीधा असर उन छात्रों पर पड़ेगा, जिन्होंने HIMSR को अपनी प्राथमिक पसंद के तौर पर चुना था।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा जारी अस्थायी सीट मैट्रिक्स में HIMSR के लिए कोई भी सीट नहीं दिखाई गई है। इसका सीधा संकेत यह है कि मेडिकल कॉलेज अब फिलहाल MBBS या PG पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता प्राप्त नहीं है। यह कॉलेज जामिया हमदर्द के अधीन 2012 में स्थापित किया गया था और आज यह गंभीर वित्तीय एवं प्रशासनिक संकट में फंसा हुआ है।

प्रशासनिक नियंत्रण हुआ कमजोर

इस मुद्दे की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने 6 जून 2025 को NMC को एक पत्र भेजकर यह स्पष्ट किया था कि कुछ निजी हस्तक्षेपों के कारण विश्वविद्यालय अब HIMSR के ऑनलाइन पोर्टल और प्रवेश प्रक्रिया पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा है। इसके चलते विवि ने MBBS और PG मेडिकल सीटों की मान्यता से स्वेच्छा से अलग होने का फैसला लिया।

कुलपति का बयान: बार-बार चेतावनी दी गई थी

जामिया हमदर्द के कुलपति प्रो. मोहम्मद अफशर आलम ने इस मामले में एक गंभीर टिप्पणी करते हुए बताया: HIMSR को कई बार यूजीसी के दिशा-निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने इन्हें लगातार नजरअंदाज किया। विश्वविद्यालय यूजीसी की गाइडलाइंस को पूरी तरह मानता है और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए न्यायालय से सकारात्मक हस्तक्षेप की आशा करता है।

इस पूरे विवाद की जड़ में हमदर्द एजुकेशन सोसाइटी और HIMSR से जुड़े HAH सेंटेनरी अस्पताल की वित्तीय गड़बड़ियां हैं। CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट के अनुसार, 2011 से 2023 के बीच 813 करोड़ रुपये की राशि हमदर्द एजुकेशन सोसाइटी को ट्रांसफर की गई — यह UGC नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। रिपोर्ट में इस फंड ट्रांसफर को संसाधनों का दुरुपयोग और छात्रों एवं स्टाफ के हितों के खिलाफ बताया गया है।

छात्रों में निराशा, अभिभावकों की चिंता

इस फैसले के बाद दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों में गहरी निराशा है। कई छात्रों ने HIMSR को एक भरोसेमंद संस्थान मानते हुए NEET काउंसलिंग में प्राथमिकता दी थी। अब उनके पास सीट अलॉटमेंट के विकल्प सीमित हो गए हैं। अभिभावक भी इस निर्णय से असहज और चिंतित हैं। उनका मानना है कि प्रशासनिक और वित्तीय असफलताओं की सजा छात्रों को नहीं मिलनी चाहिए। कई लोग सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं ताकि योग्य छात्रों के भविष्य को बचाया जा सके।

फिलहाल HIMSR को शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कोई नई प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं करने की अनुमति है। जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय ने न्यायालय में इस निर्णय को चुनौती देने की बात कही है। यदि न्यायालय से राहत मिलती है, तो आने वाले वर्षों में HIMSR फिर से चिकित्सा शिक्षा में सक्रिय हो सकता है, लेकिन फिलहाल यह कॉलेज NEET काउंसलिंग 2025 से बाहर हो चुका है।

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