ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद जहां इज़रायल में ट्रंप का स्वागत हुआ, वहीं अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों में युद्ध विरोधी प्रदर्शन हुए। लोगों ने हमले को तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी बताया।
US Iran: ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले के बाद इजरायल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का खुलकर स्वागत हो रहा है। तेल अवीव के हाईवे किनारे विशाल होर्डिंग्स लगाए गए हैं जिन पर लिखा है 'थैंक यू, ट्रंप'। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अमेरिकी हमले का स्वागत किया है और इसे देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है।
यह समर्थन इजरायल की जनता की उस उम्मीद को भी दर्शाता है जिसमें वे मानते हैं कि अमेरिका उनकी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा। ईरानी मिसाइल हमलों से इजरायल के कई शहरों में बड़ा नुकसान हुआ था। ऐसे में अमेरिका की सैन्य प्रतिक्रिया को राहत के रूप में देखा जा रहा है।
दूसरी ओर शुरू हुआ वैश्विक विरोध
जहां इजरायल अमेरिका का आभार जता रहा है, वहीं अमेरिका के इस कदम की दुनिया के कई हिस्सों में कड़ी आलोचना हो रही है। रूस, सऊदी अरब और अन्य देशों ने इस हमले को मध्य पूर्व में युद्ध को और भड़काने वाला बताया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे एक खतरनाक कदम मान रहा है जो क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ा सकता है।
कनाडा में 'Hands Off Iran' प्रदर्शन
कनाडा की राजधानी टोरंटो में अमेरिकी दखल के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया। अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के बाहर 'Hands Off Iran' नाम से प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने कनाडा सरकार से मांग की कि वह इजरायल पर प्रतिबंध लगाए और उस पर हथियारों की आपूर्ति बंद करे।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि अमेरिका का यह कदम दुनिया को एक नई जंग की ओर ले जा रहा है। उनका कहना है कि पश्चिमी देशों को सैन्य हस्तक्षेप छोड़कर शांति की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ बढ़ा गुस्सा
अमेरिका के अंदर भी विरोध प्रदर्शन ज़ोर पकड़ते जा रहे हैं। न्यूयॉर्क सिटी में राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा के महज 24 घंटे के भीतर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। टाइम्स स्क्वायर से कोलंबस सर्कल तक एक बड़ा मार्च निकाला गया। लोगों ने 'स्टॉप द वॉर इन ईरान' और 'नो न्यू वॉर इन द मिडिल ईस्ट' जैसे स्लोगन वाले पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी इस हमले को युद्ध की शुरुआत मान रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिका को इस टकराव को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए, न कि सैन्य ताकत के जरिए।
तीसरे विश्व युद्ध की आशंका
CBS न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के इस हमले के बाद देशभर में एक डर का माहौल बन गया है। कई संगठनों और एक्टिविस्ट्स का कहना है कि यह कदम हमें तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल सकता है। BAMN (By Any Means Necessary) की आयोजक यवेट फिलार्का ने कहा कि यह सिर्फ कुछ बम गिराने की बात नहीं है बल्कि यह एक वैश्विक संकट का संकेत है। उन्होंने कहा कि ईरान कोई छोटा देश नहीं है। यह एक शक्तिशाली राष्ट्र है और उस पर हमला पूरी दुनिया को संकट में डाल सकता है। उन्होंने अमेरिका की आंतरिक राजनीति पर भी सवाल उठाए।
डेमोक्रेट्स की चुप्पी पर सवाल
प्रदर्शन के दौरान आयोजक शॉन ब्लैकमॉन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की चुप्पी पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जो डेमोक्रेट्स खुद को ट्रंप से अलग बताते हैं, वही अब खामोश हैं। उनका कहना था कि अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल स्पष्ट रुख अपनाएं और इस युद्ध को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
लोगों की मांग- मिडिल ईस्ट में शांति हो
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश मध्य पूर्व में किसी भी तरह की हिंसा और सैन्य कार्रवाई से बचें। जब तक शांति की दिशा में ठोस प्रयास नहीं किए जाते, विरोध जारी रहेगा। उनका मानना है कि सैन्य हस्तक्षेप किसी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि इससे और अधिक अशांति और जान-माल की हानि होती है।