इंग्लैंड और भारत के बीच पांच टेस्ट मैचों की बहुप्रतीक्षित सीरीज का आगाज़ 20 जून 2025 से हो गया है, और पहला मुकाबला लीड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जा रहा है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: इंग्लैंड और भारत के बीच बहुप्रतीक्षित टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत लीड्स में हुई, और पहले ही दिन यशस्वी जायसवाल की ऐतिहासिक बल्लेबाज़ी ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता, बल्कि कई पुराने रिकॉर्ड्स को तोड़ते हुए एक सुनहरा अध्याय रच दिया। शुभमन गिल की कप्तानी में खेल रही टीम इंडिया ने जब बल्लेबाज़ी की शुरुआत की, तो सबकी निगाहें जायसवाल और राहुल की ओपनिंग जोड़ी पर थीं। और जायसवाल ने इस भरोसे को पूरी तरह सार्थक कर दिखाया।
फारुख इंजीनियर का 58 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा
लीड्स की पिच पर भारतीय बल्लेबाज़ों को हमेशा संघर्ष करना पड़ा है, लेकिन यशस्वी जायसवाल ने पहले ही मैच में वह कर दिखाया जो पिछले 58 वर्षों में कोई नहीं कर पाया था। जैसे ही उन्होंने 88 रन का आंकड़ा पार किया, वे लीड्स में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय ओपनर बन गए, उन्होंने 1967 में फारुख इंजीनियर के बनाए 87 रन के रिकॉर्ड को तोड़ा।
इंग्लैंड में शतक लगाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय
जायसवाल ने अपनी शानदार पारी को केवल रिकॉर्ड ब्रेकर ही नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक मोड़ बना दिया। उन्होंने 154 गेंदों में अपना पहला शतक इंग्लैंड की धरती पर पूरा किया। वे 23 साल 174 दिन की उम्र में इंग्लैंड में टेस्ट शतक लगाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज़ बन गए हैं। उनसे पहले ये कारनामा सैयद मुश्ताक अली ने 1936 में 21 साल 221 दिन की उम्र में किया था। इंग्लैंड में सबसे युवा भारतीय टेस्ट शतकवीर:
- सैयद मुश्ताक अली – 21 साल 221 दिन (1936)
- यशस्वी जायसवाल – 23 साल 174 दिन (2025)
- वीरेंद्र सहवाग – 23 साल 292 दिन (2002)
- विजय मर्चेंट – 24 साल 287 दिन (1936)
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों में डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले पहले भारतीय
यशस्वी जायसवाल का यह प्रदर्शन सिर्फ इंग्लैंड तक सीमित नहीं है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड, दोनों जगह अपने पहले टेस्ट मैच में शतक जमाया है। वे ऐसा करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं। यह उपलब्धि उन्हें दुनिया के सिर्फ पांच बल्लेबाज़ों के एलीट क्लब में शामिल करती है। इस तरह का कारनामा विश्व क्रिकेट में बहुत कम खिलाड़ियों ने किया है।
अपने पहले इंग्लैंड टेस्ट में शतक लगाने वाले यशस्वी, अब सौरव गांगुली (131, लॉर्ड्स 1996) और संदीप पाटिल (129, ओल्ड ट्रैफर्ड 1982)* जैसे दिग्गजों की फेहरिस्त में शामिल हो गए हैं। यह उनके लिए केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भावी कप्तानों के लिए भी प्रेरणा है कि कैसे विदेशी पिचों पर खुद को साबित किया जा सकता है।
शुभमन के नेतृत्व में स्थिर शुरुआत
शुभमन गिल की कप्तानी में भारत की यह पहली टेस्ट पारी थी और इसे यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने शानदार तरीके से आगे बढ़ाया। दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 91 रनों की साझेदारी हुई। राहुल ने 42 रनों की मूल्यवान पारी खेली, जबकि डेब्यू कर रहे साई सुदर्शन खाता खोले बिना आउट हो गए। लेकिन जायसवाल ने इस साझेदारी को मजबूत नींव में बदल दिया।
जायसवाल का यह शतक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में उनका पांचवां शतक रहा। अब वे भारत की ओर से WTC में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की सूची में शुभमन गिल और विराट कोहली के साथ दूसरे स्थान पर आ गए हैं। इससे यह भी संकेत मिलता है कि जायसवाल सिर्फ उभरता सितारा नहीं, बल्कि दीर्घकालीन स्तंभ बनने की दिशा में अग्रसर हैं। इंग्लैंड में पहली पारी में शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज़:
- एम विजय – 146 (ट्रेंट ब्रिज 2014)
- विजय मांजरेकर – 133 (हेडिंग्ले 1952)
- सौरव गांगुली – 131 (लॉर्ड्स 1996)
- संदीप पाटिल – 129* (ओल्ड ट्रैफर्ड 1982)
- यशस्वी जायसवाल – 101 (हेडिंग्ले 2025)