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HBD Financial IPO 25 जून से शुरू, शुरुआती निवेशकों को 48% घाटे की आशंका

HBD Financial IPO 25 जून से शुरू, शुरुआती निवेशकों को 48% घाटे की आशंका

HBD फाइनेंशियल सर्विसेज का बहुप्रतीक्षित आईपीओ 25 जून को लॉन्च होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले ही बाजार में इसके प्रति निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आईपीओ से जुड़े 49,336 शुरुआती निवेशकों को करीब 48 प्रतिशत तक नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

नई दिल्ली: देश की प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी HBD फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का बहुप्रतीक्षित इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 25 जून 2025 से निवेशकों के लिए खुलेगा। लेकिन इस बार यह आईपीओ उतनी उत्सुकता नहीं, बल्कि चिंता का विषय बनता जा रहा है, खासतौर पर उन निवेशकों के लिए जिन्होंने अनलिस्टेड फेज़ में ऊंची कीमतों पर कंपनी के शेयर खरीदे थे।

क्या है IPO का आकार और संरचना

कंपनी की तरफ से कुल 12,500 करोड़ रुपये का आईपीओ लाया जा रहा है। इसमें से 2,500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू है जबकि 10,000 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) HDFC बैंक लिमिटेड की ओर से लाया गया है, जो HBD की पैरेंट कंपनी है।

HDFC बैंक इस इश्यू के तहत करीब 13.51 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगा। इन शेयरों की खरीद उसने पहले 46.4 रुपये प्रति शेयर के भाव पर की थी और अब यह 740 रुपये तक के ऊपरी प्राइस बैंड पर बिकेंगे।

क्यों चिंता में हैं शुरुआती निवेशक

HBD के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, 19 जून तक कंपनी के 49,553 इंडिविजुअल निवेशक पहले से ही शेयरहोल्डर हैं। इन निवेशकों ने अनलिस्टेड बाजार में 1,200 से 1,350 रुपये के रेट पर शेयर खरीदे थे। अब जब IPO का प्राइस बैंड 700-740 रुपये तय किया गया है, तो उन्हें 38 से 48 प्रतिशत तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

अगर कोई निवेशक 1,250 रुपये प्रति शेयर की दर से 1 करोड़ शेयरों का मालिक है, तो उसका निवेश 1,250 करोड़ रुपये बैठता है। अब यदि वही शेयर 740 रुपये के भाव पर लिस्ट होता है, तो उसकी वैल्यू घटकर 740 करोड़ रुपये रह जाएगी। यानी कुल 510 करोड़ रुपये का संभावित घाटा। 

HDFC को होगा बड़ा फायदा

जहां एक ओर छोटे निवेशक नुकसान की आशंका में हैं, वहीं HDFC बैंक को इस इश्यू से भारी लाभ हो सकता है। बैंक ने जो शेयर 46.4 रुपये पर खरीदे थे, वे अगर 740 रुपये पर बिकते हैं तो उसे करीब 9,373 करोड़ रुपये का प्री-टैक्स लाभ होगा।

RBI की गाइडलाइन से मजबूरी में लिस्टिंग

यह आईपीओ लाने के पीछे मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक की अक्टूबर 2022 में जारी की गई गाइडलाइन है। इसमें कहा गया था कि "अपर लेयर" में आने वाली सभी एनबीएफसी को 2025 तक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना अनिवार्य है। यही कारण है कि HBD अब शेयर बाजार में उतर रही है, भले ही बाजार स्थितियां पूर्व निवेशकों के लिए अनुकूल न हों।

निवेशकों के लिए चेतावनी

इस IPO को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि अनलिस्टेड बाजार में ऊंचे प्राइस पर खरीदे गए शेयर अब सूचीबद्ध मूल्य से काफी नीचे होंगे। इससे निवेशकों के लिए वैल्यूएशन का अंतर बेहद गंभीर रूप ले सकता है।

निवेश से पहले समझदारी जरूरी

विश्लेषकों की राय है कि निवेशकों को सिर्फ IPO के आकर्षण में न आकर कंपनी के मौजूदा फाइनेंशियल्स, बिजनेस मॉडल, NPA स्तर, रिटर्न ऑन एसेट्स और फ्यूचर प्लान्स को अच्छे से समझने की जरूरत है।

कंपनी का कारोबार और भविष्य

HBD फाइनेंशियल सर्विसेज देश में खुदरा कर्ज, उपभोक्ता ऋण, व्यावसायिक ऋण और SME वित्त में सक्रिय है। कंपनी का फोकस डिजिटल लेंडिंग और उपभोक्ता केंद्रित उत्पादों पर है। हालांकि, बाजार की मौजूदा परिस्थितियों और तेज प्रतिस्पर्धा को देखते हुए निवेशक इस IPO में सोच-समझकर कदम रखें।

प्रमुख तथ्य संक्षेप में

विषय                            विवरण
IPO ओपनिंग डेट            25 जून 2025
IPO क्लोजिंग डेट             27 जून 2025
प्राइस बैंड                       ₹700 - ₹740 प्रति शेयर
फ्रेश इश्यू                        ₹2,500 करोड़
OFS                               ₹10,000 करोड़ (HDFC द्वारा)
अनलिस्टेड खरीद मूल्य     ₹1,200 - ₹1,350 प्रति शेयर
संभावित नुकसान              38-48% (प्रारंभिक निवेशकों के लिए)
लाभार्थी                            HDFC को हो सकता है 9,373 करोड़ का मुनाफा

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