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जन्माष्टमी 2025: इन चीजों का दान करें, खुलेंगे सुख और समृद्धि के द्वार

जन्माष्टमी 2025: इन चीजों का दान करें, खुलेंगे सुख और समृद्धि के द्वार

इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माखन, मिश्री, अनाज, फल, वस्त्र और मोरपंख का दान अत्यंत पुण्यकारी होता है। ऐसा दान जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। भक्तों के लिए यह भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है।

नई दिल्ली: 15 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पावन दिन मनाया जाएगा। इस अवसर पर भक्त व्रत रखते हैं और रात 12 बजे बालकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन माखन, मिश्री, अनाज, फल, वस्त्र, चरण पादुका और मोरपंख का दान करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और भक्ति भाव बढ़ता है। दान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर-परिवार में सकारात्मक वातावरण बनता है।

जन्माष्टमी का महत्व

जन्माष्टमी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं और उनके जन्म की याद दिलाने वाला पावन दिन है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, झांकियां सजाते हैं और आधी रात 12 बजे बाल कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन किया गया दान विशेष फलदायी होता है।

अनाज का दान

जन्माष्टमी के दिन अनाज का दान अत्यंत शुभ माना जाता है। यह जीवन का मूल आधार है और जरूरतमंदों को दिया गया अनाज उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा लेकर आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अनाज का दान करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार में समृद्धि आती है।

माखन और मिश्री का दान

माखन और मिश्री भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का प्रतीक हैं। जन्माष्टमी पर इसे दान करने से जीवन में मिठास और खुशी आती है। यह दान परिवार में प्रेम और सौहार्द को बढ़ाता है और मनोकामनाओं की पूर्ति की संभावना बनाता है।

फल और मिठाई का दान

गरीबों और जरूरतमंदों को फल या मिठाई दान करना घर में बरकत और समृद्धि लाता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खुशी का कारण बनता है और सकारात्मक वातावरण पैदा करता है।

मोरपंख का दान

मोरपंख भगवान कृष्ण के मुकुट की शोभा बढ़ाने वाला प्रतीक है। इसे दान करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से सुरक्षा मिलती है। यह दान आध्यात्मिक शुद्धता और मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

वस्त्र और चरण पादुका का दान

नए वस्त्र और चरण पादुका दान करना भी पुण्य का कार्य है। बच्चों को वस्त्र या पादुका देने से उनके जीवन में शुभता आती है। वस्त्र दान से गरिमा बढ़ती है और चरण पादुका भगवान के चरणों की सेवा के समान माना जाता है।

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