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FMCG में GST बदलाव से पहले हलचल, कंपनियों ने कम दाम वाले प्रोडक्ट्स भरे स्टॉक

FMCG में GST बदलाव से पहले हलचल, कंपनियों ने कम दाम वाले प्रोडक्ट्स भरे स्टॉक

22 सितंबर 2025 को लागू होने वाली नई GST दरों से पहले FMCG कंपनियां अपने लो-कॉस्ट प्रोडक्ट्स का स्टॉक बढ़ा रही हैं। आइसक्रीम, साबुन, शैम्पू जैसी वस्तुएं रिटेलर्स को भेजी जा रही हैं। ब्रांड्स और ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों को नई कम कीमतों का फायदा जल्दी दिलाने के लिए अभियान चला रही हैं।

New gst implement: FMCG सेक्टर में GST दरों में बदलाव से पहले हलचल मची है। 22 सितंबर 2025 से लागू नई दरों के तहत अधिकांश दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स 5% रह जाएगा। इस कारण कंपनियां जैसे प्रॉक्टर एंड गैंबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और ब्रिटानिया पहले ही आइसक्रीम, साबुन, शैम्पू और टूथपेस्ट जैसे लो-कॉस्ट प्रोडक्ट्स का स्टॉक रिटेलर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को भेज रही हैं। यह कदम ग्राहकों को नई दरों का लाभ जल्दी दिलाने और बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नई GST दरों का असर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस हफ्ते स्पष्ट किया कि 12 प्रतिशत स्लैब वाले 99 प्रतिशत सामान अब पांच प्रतिशत स्लैब में आ जाएंगे। इसमें बटर, पनीर, मिठाइयां, नमकीन स्नैक्स, बिस्किट्स, आइसक्रीम, साबुन और टूथपेस्ट जैसी कई दैनिक आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। हालांकि नई दरें सोमवार से लागू होंगी, लेकिन कंपनियां पहले से ही टैक्स डिफरेंस खुद उठाकर रिटेलर्स को उत्पाद भेज रही हैं।

बास्किन रॉबिन्स के ओनर ग्रेविस फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मोहित खट्टर ने कहा कि उनके सारे बिल्स अब पांच प्रतिशत GST के अनुसार बदल गए हैं। कंपनियां चाहती हैं कि ग्राहक नए रेट का लाभ तुरंत उठा सकें।

उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा

सरकार ने GST दरों को तीन मुख्य स्लैब में सरल कर दिया है – 5 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 40 प्रतिशत। 5 प्रतिशत दर अधिकांश दैनिक आवश्यक वस्तुओं और घरेलू सामान पर लागू होगी, 18 प्रतिशत दर अन्य उपभोक्ता उत्पादों और सेवाओं पर मानक रहेगी, जबकि लक्जरी वस्तुएं और पाप श्रेणियों पर 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं के खर्च पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

बड़े ब्रांड्स की तैयारियां

प्रॉक्टर एंड गैंबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, लॉरियल, आईटीसी और ब्रिटानिया जैसी कंपनियों ने नए मूल्य टैग की घोषणा अखबार और सोशल मीडिया के जरिए कर दी है। पीएंडजी ने हेड एंड शोल्डर्स, पैंटीन शैम्पू, पैम्पर्स डायपर, जिलेट शेविंग क्रीम, ओल्ड स्पाइस डिओडोरेंट और विक्स डिकंजेस्टेंट की कीमतें कम कर दी हैं। HUL ने डव, क्लिनिक शैम्पू, ब्रू कॉफी, किसान जैम, लक्स और लाइफबॉय साबुन की कीमतें घटाई हैं।

ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स की भागीदारी

क्विक-कॉमर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने भी GST लाभ का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। स्विगी इंस्टामार्ट ने कई उत्पादों पर छूट देने का अभियान शुरू किया है। वहीं अमेजन नाउ ने ऐप पर दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर ‘25,000 रुपये की वार्षिक बचत’ और 200 रुपये तक कैशबैक ऑफर किया है।

नई दरों के साथ बाजार में रफ्तार

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक सुधीर सीतापति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में खपत में नरमी रही थी। जीएसटी में बदलाव और आयकर उपायों के कारण बाजार में गतिविधि बढ़ेगी। न केवल उन श्रेणियों को फायदा होगा जिनमें दरें कम हुई हैं, बल्कि उन पर भी असर पड़ेगा जहां दरें अपरिवर्तित हैं। उपभोक्ताओं के खर्च की कुल क्षमता बढ़ेगी और बाजार में बिक्री में तेजी आएगी।

कंपनियों ने नए मूल्य टैग के साथ स्टॉक भेजना शुरू कर दिया है। सरकार ने बचे हुए स्टॉक पर री-लेबलिंग वैकल्पिक कर दी है और मौजूदा पैकेजिंग सामग्री के इस्तेमाल की अवधि 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दी है। ग्रांट थॉर्नटन के पार्टनर मनोज मिश्रा ने कहा कि सरलीकृत GST स्ट्रक्चर से अनुपालन लागत कम होगी और रिटेल स्तर पर उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शिता बढ़ेगी।

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