राजस्थान के कोटपूतली जिले के नारेहड़ा कस्बे में बीते दिनों हुई भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से पटरी से उतार दिया है। कस्बे की गलियों, सड़कों और बस स्टैंड पर घुटनों तक पानी भर गया है। बारिश के बाद जलनिकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण पूरा इलाका मानो दरिया में तब्दील हो गया है। लोगों को घरों से निकलने में परेशानी हो रही है और स्कूली बच्चों के लिए स्कूल जाना किसी जंग से कम नहीं।
वायरल वीडियो ने प्रशासन की पोल खोली
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स अपनी बच्ची को पीठ पर उठाकर जलमग्न सड़क पार करता नजर आ रहा है। यह दृश्य सिर्फ एक परिवार की मजबूरी नहीं, बल्कि पूरे इलाके की बदहाल व्यवस्था की तस्वीर है। वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन हर साल केवल कागज़ों पर तैयारी दिखाता है, लेकिन हकीकत में कोई सुधार नहीं होता। जब तक पानी घरों और दुकानों में नहीं घुसता, तब तक अधिकारी मौके पर नजर तक नहीं आते।
स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी
नारेहड़ा में हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि बच्चों को पीठ या कंधों पर उठाकर स्कूल तक पहुंचाया जा रहा है। जलभराव के कारण न केवल आवाजाही बाधित हुई है, बल्कि संक्रमण और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि हालात हर साल ऐसे ही बनते हैं, लेकिन न तो नालों की सफाई होती है और न ही पक्की जलनिकासी व्यवस्था बनाई जाती है।
स्थायी समाधान की कर रहे हैं मांग
इलाके के लोगों में प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों का साफ कहना है कि जलभराव की यह समस्या कोई एक-दो दिन की नहीं, बल्कि वर्षों से चली आ रही है। बरसात होते ही नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं और पूरा कस्बा पानी में डूब जाता है।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि केवल औपचारिकता निभाने के बजाय जमीन पर उतरकर स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि हर साल बरसात में उन्हें इस तकलीफ से दो-चार न होना पड़े। लोगों का कहना है कि जब तक जिम्मेदार अधिकारी मौके का दौरा कर हालात नहीं देखेंगे, तब तक ऐसी तस्वीरें यूं ही वायरल होती रहेंगी और विकास के दावों की पोल खुलती रहेगी।