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गुरुग्राम: 10वीं के एग्जाम में कम नंबर आने पर छात्र ने बालकनी से कूदकर की आत्महत्या

गुरुग्राम: 10वीं के एग्जाम में कम नंबर आने पर छात्र ने बालकनी से कूदकर की आत्महत्या

गुरुग्राम में दसवीं के छात्र ने हाफ ईयरली एग्जाम में कम नंबर आने के बाद 19वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और परिवार व दोस्तों से पूछताछ शुरू की।

गुरुग्राम: दिल्ली के समीप स्थित साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर-10 थाना क्षेत्र में एक 15 वर्षीय छात्र ने मंगलवार देर रात अपने घर की बालकनी से कूदकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, छात्र ने यह कदम अपनी दसवीं कक्षा की हाफ ईयरली परीक्षा में कम नंबर आने के कारण उठाया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और परिवार व दोस्तों से पूछताछ शुरू कर दी है।

छात्र ने बालकनी से कूदकर की आत्महत्या 

पुलिस और पड़ोसियों के अनुसार, छात्र मंगलवार रात अपने कमरे में गया और बालकनी से कूद गया। नीचे गिरने की आवाज सुनकर सोसाइटी के गार्ड और अन्य लोग मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। सेक्टर-10 थाना प्रभारी योगेश कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और बुधवार को उसे परिवार को सौंप दिया गया। घटना ने सोसाइटी के निवासियों को भी सदमे में डाल दिया।

पिता के साथ हुई बातचीत और छात्र की नाराजगी

जानकारी के अनुसार, छात्र के पिता रवीश कुमार उत्तर प्रदेश मूल के हैं और गुरुग्राम के सेक्टर-15 में सुपर मार्केट में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। छात्र प्राइवेट स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ रहा था।

हाल ही में छमाही परीक्षा के परिणाम आने के बाद उसके नंबर कम आए। पिता द्वारा परीक्षा में कम नंबर आने पर की गई बातचीत के बाद छात्र नाराज हुआ और खाना खाकर कमरे में चला गया। इसके कुछ देर बाद उसने बालकनी से कूदकर जीवन समाप्त कर लिया। इस घटना ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।

पोस्टमार्टम और पुलिस की कार्रवाई

छात्र की मौत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने बताया कि अभी तक आत्महत्या के असली कारणों का पता नहीं चल पाया है।

पुलिस अधिकारी यह जांच कर रहे हैं कि क्या छात्र मानसिक तनाव, पारिवारिक दबाव या किसी अन्य कारण से इस क़दम तक पहुंचा। परिवार के सदस्यों और छात्र के दोस्तों से पूछताछ जारी है ताकि मामले के पीछे की वास्तविक वजह का पता लगाया जा सके।

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