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हाई कोलेस्ट्रॉल के संकेत: समय रहते पहचानें लक्षण और बचाएं दिल की सेहत

हाई कोलेस्ट्रॉल के संकेत: समय रहते पहचानें लक्षण और बचाएं दिल की सेहत

आजकल दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और उच्च कोलेस्ट्रॉल को इसके सबसे बड़े कारकों में से एक माना जाता है। अक्सर लोग कोलेस्ट्रॉल जैसे जटिल शब्द सुनकर उसे अनदेखा कर देते हैं, लेकिन शरीर के कुछ शुरुआती संकेत हमें इससे सचेत करते हैं। यदि समय रहते इन्हें पहचान लिया जाए, तो हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी गंभीर बिमारियों से बचा जा सकता है।

कोलेस्ट्रॉल क्या है और क्यों बढ़ता है?

कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त पदार्थ है, जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होता है। यह हार्मोन बनाने, कोशिका झिल्ली (सेल मेम्ब्रेन) के निर्माण और पाचन में सहायता करता है। लेकिन जब इसकी मात्रा शरीर में अत्यधिक हो जाती है, खासकर 'खराब कोलेस्ट्रॉल' यानी LDL (Low Density Lipoprotein), तब यह रक्त नलिकाओं में जमा होकर रक्त प्रवाह को बाधित करता है। यह स्थिति दिल के दौरे (Heart Attack), स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों का खतरा बढ़ा देती है।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण 

1. लगातार थकावट और कमजोरी

यदि आप बिना किसी भारी मेहनत या व्यायाम के भी थकावट महसूस करते हैं, तो यह कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त प्रवाह में बाधा का संकेत हो सकता है। जब शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिलता, तो ऊर्जा का स्तर गिर जाता है।

2. सीने में भारीपन या दर्द

यह लक्षण बेहद गंभीर हो सकता है। जब हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता, तब सीने में दबाव, जकड़न या दर्द की अनुभूति होती है। इसे एंजाइना (Angina) कहते हैं। यदि यह बार-बार हो, तो तुरंत जांच करवाएं – यह हृदयाघात का संकेत हो सकता है।

3. पैरों में दर्द या ऐंठन

चलते समय या सीढ़ियां चढ़ते हुए पैरों में दर्द, सुन्नता या ऐंठन होना, इस बात का संकेत है कि पैरों की धमनियों में भी ब्लॉकेज है। इसे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) कहते हैं, और यह भी हाई कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी एक आम स्थिति है।

4. सांस लेने में तकलीफ

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसका असर फेफड़ों तक भी पहुंचता है, जिससे सांस फूलने की समस्या हो सकती है – खासकर हल्के शारीरिक कार्य करते समय।

5. त्वचा पर पीले या मोती जैसे दाने

यदि आंखों के आसपास, कोहनी, घुटने या एचिलीस टेंडन पर छोटे-छोटे पीले रंग के दाने या गांठें दिखाई दें, तो यह जैंथोमा (Xanthomas) हो सकते हैं – जो हाई कोलेस्ट्रॉल का स्पष्ट संकेत हैं।

6. चक्कर आना, सिरदर्द या याददाश्त में कमी

मस्तिष्क तक रक्त संचार में रुकावट होने पर यह लक्षण सामने आते हैं। यदि बार-बार सिर भारी लगे या याददाश्त में गिरावट दिखे, तो इसे नजरअंदाज न करें।

कोलेस्ट्रॉल की जांच क्यों और कैसे कराएं?

हाई कोलेस्ट्रॉल की पुष्टि के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है। यह एक साधारण ब्लड टेस्ट है, जिसमें निम्न चीजों की जांच होती है:

  • एलडीएल (LDL) – खराब कोलेस्ट्रॉल
  • एचडीएल (HDL) – अच्छा कोलेस्ट्रॉल
  • ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) – वसा का प्रकार
  • टोटल कोलेस्ट्रॉल (Total Cholesterol)

डॉक्टर की सलाह अनुसार यह टेस्ट खाली पेट सुबह करवाना चाहिए।

बचाव ही है सबसे बड़ा इलाज

  • संतुलित आहार लें: फाइबर से भरपूर सब्जियां, फल, ओट्स, दालें और हेल्दी फैट (जैसे- बादाम, अखरोट, ओलिव ऑयल) लें।
  • प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचें: डीप फ्राई, अधिक चीनी व ट्रांस फैट युक्त खाद्य पदार्थ न खाएं।
  • नियमित व्यायाम करें: दिन में कम से कम 30 मिनट की वॉक या योग जरूरी है।
  • धूम्रपान और शराब से परहेज करें।
  • साल में कम से कम एक बार लिपिड प्रोफाइल जांच जरूर करवाएं।

कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना एक धीमी प्रक्रिया है, लेकिन इसके परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। अगर शरीर आपको कुछ विशेष संकेत दे रहा है, तो उन्हें नजरअंदाज न करें। सतर्क रहें, जांच करवाएं और जीवनशैली में आवश्यक बदलाव करें। याद रखें, दिल को बचाने के लिए वक्त पर एक टेस्ट, कई जिंदगियों को बचा सकता है।

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