बिहार में आईपीएस अधिकारियों के बीच हाल ही में हुए बड़े फेरबदल ने एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरी हैं। इस फेरबदल में दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा का नाम भी शामिल है, जिन्हें 'बिहार की लेडी सिंघम' के रूप में पहचाना जाता है। काम्या मिश्रा ने 6 अगस्त 2024 को निजी कारणों से इस्तीफा देने की कोशिश की थी, लेकिन बिहार सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इसके बजाय, उन्हें पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया, जहां वे अपनी नई पोस्टिंग की प्रतीक्षा कर रही हैं।
काम्या मिश्रा की प्रशासनिक यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी
काम्या मिश्रा का जीवन एक प्रेरणा है। उनका जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ, लेकिन बचपन से ही उनका लक्ष्य कुछ बड़ा करने का था। काम्या ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ओडिशा के केआईआईटी इंटरनेशनल स्कूल से की और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया।
शैक्षिक क्षेत्र में उत्कृष्टता सीबीएसई टॉपर से आईपीएस अफसर तक
काम्या मिश्रा की शैक्षिक यात्रा को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वह एक मेधावी छात्रा रही हैं। 2014 में उन्होंने सीबीएसई की कक्षा 12वीं की परीक्षा में 98.6% अंक हासिल कर सीबीएसई रीजनल टॉपर का खिताब अपने नाम किया। इस सफलता के बाद, उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और 2019 में पहले प्रयास में ही 172वीं रैंक प्राप्त करते हुए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में जगह बनाई।
बिहार में करियर की शुरुआत पटना में ACP से दरभंगा तक का सफर
काम्या मिश्रा की आईपीएस यात्रा की शुरुआत पटना में असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (ACP) के तौर पर हुई। यहां उन्होंने अपनी कार्यशैली और पेशेवर दक्षता से जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखी। फिर, उनके उत्कृष्ट कार्य के परिणामस्वरूप उन्हें दरभंगा के ग्रामीण एसपी के रूप में पदोन्नति मिली, जहां उन्होंने जिले की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया।
निजी जीवन और पारिवारिक समर्थन आईपीएस अफसर की जीवन यात्रा
काम्या मिश्रा ने 2021 में अवधेश सरोज से शादी की, जो खुद एक आईपीएस अधिकारी हैं। अवधेश सरोज बिहार कैडर के सशक्त अधिकारी हैं और आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र हैं। दोनों का जीवन मिलकर एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि परिवार और करियर को संतुलित करते हुए कोई भी व्यक्ति सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँच सकता हैं।
काम्या मिश्रा का भविष्य नई चुनौतियाँ और संभावनाएँ
काम्या मिश्रा के प्रशासनिक सफर में अब एक नई दिशा आ रही है। उन्हें 180 दिनों की छुट्टी के बाद पुलिस मुख्यालय भेजा गया है, जहां उनकी नई पोस्टिंग का इंतजार है। यह बदलाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है, जो उनके प्रशासनिक कौशल को और भी मजबूत करेगा।
उनके इस्तीफे को अस्वीकार करने के बाद यह स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार ने उनकी कार्यशैली और समर्पण को सराहा है। आने वाले समय में काम्या मिश्रा को और भी बड़ी जिम्मेदारियाँ दी जा सकती हैं, और वे राज्य की पुलिस सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
काम्या मिश्रा – एक प्रेरणा और मिसाल
काम्या मिश्रा न केवल एक सशक्त आईपीएस अफसर हैं, बल्कि वे एक प्रेरणा भी हैं। उनका जीवन यह साबित करता है कि मेहनत, समर्पण और दृढ़ निश्चय से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। बिहार की 'लेडी सिंघम' का यह नया अध्याय उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे बिहार पुलिस में किस नई भूमिका में नजर आती हैं और उनका कार्यक्षेत्र किस दिशा में आगे बढ़ता हैं।