ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग को रोकने के लिए रूस और चीन ने मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा है। पुतिन और शी जिनपिंग ने कूटनीतिक बातचीत के जरिए शांति बहाली की इच्छा जताई है।
Iran-Israel Conflict: पश्चिम एशिया में तनाव अपने चरम पर है। ईरान और इजरायल के बीच पिछले पांच दिनों से चल रही जंग ने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। मिसाइल हमलों और सैन्य कार्रवाइयों के चलते हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। इस बीच रूस और चीन ने इस टकराव को खत्म करने के लिए मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की वैश्विक नेताओं से बातचीत
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले कुछ दिनों से लगातार विश्व नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी बात की है। पेस्कोव ने कहा कि रूस मौजूदा संकट को हल करने के लिए मध्यस्थता करने को पूरी तरह तैयार है।
पेस्कोव ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस इस पूरे मामले पर करीबी नजर रख रहा है और क्षेत्र में किसी भी तरह की उकसाने वाली गतिविधियों की कड़ी निंदा करता है। उनका कहना था कि मिडिल ईस्ट में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए रूस जरूरी कदम उठाने को तत्पर है।
चीन ने भी निभाई जिम्मेदारी की भूमिका
सिर्फ रूस ही नहीं, चीन ने भी इस मुद्दे पर सक्रिय रुख अपनाया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बताया कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में इजरायल के विदेश मंत्री से बातचीत की। बातचीत के दौरान वांग यी ने अपील की कि दोनों देश शांति और संवाद के रास्ते पर लौटें और संघर्ष को बातचीत के जरिए हल करें।
गुओ जियाकुन ने कहा कि चीन हमेशा से राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से ईरान के परमाणु मुद्दे और क्षेत्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। चीन संबद्ध पक्षों के साथ संवाद और समन्वय बनाए रखेगा और जरूरत पड़ी तो शांति स्थापना में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार रहेगा।
ईरान-इजरायल युद्ध के कारण बढ़ता तनाव
गौरतलब है कि ईरान और इजरायल के बीच यह टकराव तब शुरू हुआ जब एक इजरायली सैन्य ऑपरेशन में ईरान के सैन्य हितों को नुकसान पहुंचा। इसके जवाब में ईरान ने मिसाइल हमलों की शुरुआत की। इसके बाद से ही दोनों देश एक-दूसरे के शहरों पर लगातार हमले कर रहे हैं। इससे न केवल दोनों देशों में बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट क्षेत्र में अस्थिरता और चिंता का माहौल है।