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IRCTC घोटाला मामला: लालू यादव पर लगे आरोपों पर फैसला टला, अब 5 अगस्त को होगी सुनवाई

IRCTC घोटाला मामला: लालू यादव पर लगे आरोपों पर फैसला टला, अब 5 अगस्त को होगी सुनवाई

IRCTC होटल घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी समेत 14 लोगों पर आरोप तय करने की प्रक्रिया में कोर्ट ने फैसला टालते हुए CBI से स्पष्टीकरण मांगा है। अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।

IRCTC Scam Case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार को IRCTC होटल घोटाले से जुड़ी सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इस केस में सीबीआई से कुछ स्पष्टीकरण मांगा और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 5 अगस्त तय की गई। अदालत ने पहले ही 29 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन अतिरिक्त स्पष्टीकरण की आवश्यकता के चलते निर्णय को आगे बढ़ा दिया गया।

लालू यादव समेत 14 आरोपियों पर आरोप तय होने की प्रक्रिया

इस केस में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता समेत कुल 14 आरोपी हैं। ये मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने आईआरसीटीसी (IRCTC) के होटल ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार और साजिश की।

सीबीआई की तरफ से पेश की गई दलीलें

सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक (SPP) डीपी सिंह और अधिवक्ता मनु मिश्रा ने अदालत में दलील दी कि IRCTC के दो होटलों - BNR रांची और BNR पुरी - के रखरखाव के ठेके एक निजी कंपनी सुजाता होटल को दिए गए थे। यह कंपनी विजय और विनय कोचर के स्वामित्व में थी।

सीबीआई के अनुसार, इस ठेके के बदले लालू यादव के परिवार को एक बेनामी कंपनी के ज़रिए पटना में तीन एकड़ बेशकीमती ज़मीन मिली। इसे ही रिश्वत का माध्यम बताया गया है।

एफआईआर और छापेमारी

सीबीआई ने 7 जुलाई 2017 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुड़े नई दिल्ली, पटना, रांची और गुड़गांव स्थित 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में कुछ दस्तावेज और संपत्तियों से जुड़ी जानकारियां बरामद हुई थीं।

सीबीआई का पक्ष: पर्याप्त सबूत मौजूद

जांच एजेंसी का कहना है कि उनके पास सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिससे आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। एजेंसी ने कोर्ट से अपील की है कि सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी जाए।

लालू यादव का पक्ष: सबूत नहीं, बरी किया जाए

दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि इस पूरे मामले में उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने दावा किया कि IRCTC के होटल टेंडर पारदर्शी तरीके से दिए गए थे और कोई अनियमितता नहीं हुई। उन्होंने लालू यादव को आरोपों से मुक्त करने की मांग की।

इस केस में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का भी नाम है। तेजस्वी पर आरोप है कि उनके पारिवारिक कंपनियों के ज़रिए इस जमीन को हासिल किया गया। हालांकि, उनके वकील भी यही कह रहे हैं कि उनके मुवक्किल के खिलाफ आरोपों को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

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