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जाति जनगणना पर सचिन पायलट का तीखा हमला: बोले - 'सरकार की नीयत में खोट है'

जाति जनगणना पर सचिन पायलट का तीखा हमला: बोले - 'सरकार की नीयत में खोट है'

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जनगणना संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसमें जाति आधारित जनगणना (Caste Census) का कोई उल्लेख नहीं किया गया। इस मुद्दे को लेकर अब विपक्ष खासकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Sachin Pilot On Caste Census 2027: जातिगत जनगणना को लेकर देश की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई जनगणना अधिसूचना में जाति आधारित गणना का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया, जिससे विपक्ष खासकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र पर करारा प्रहार करते हुए कहा है कि सरकार की नीयत साफ नहीं है, और यह सिर्फ दिखावे की पहल है।

जाति जनगणना की मांग को अर्बन नक्सल कहने वाली सरकार अब झुकी

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सचिन पायलट ने केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि, जो सरकार जातिगत जनगणना की मांग को अर्बन नक्सलवाद करार देती थी, वही आज राहुल गांधी के दबाव में इसे लागू करने का दिखावा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल एक राजनीतिक रणनीति है, जिसमें असली मकसद सामाजिक न्याय नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव को शांत करना है।

सचिन पायलट ने यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहीं भी जाति आधारित आंकड़े जुटाने का उल्लेख नहीं है। न ही इसके लिए कोई अलग बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा, जब आप जाति जनगणना की बात कर रहे हैं तो उसमें 'जाति' शब्द ही नहीं है, इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है?

तेलंगाना मॉडल को अपनाए केंद्र सरकार

पायलट ने केंद्र सरकार को नसीहत दी कि यदि वास्तव में सरकार जातिगत आंकड़ों को लेकर गंभीर है, तो उसे तेलंगाना सरकार के जाति सर्वे मॉडल को अपनाना चाहिए, जहां व्यापक और वैज्ञानिक तरीके से जातियों की गणना की गई और इसके आधार पर कल्याणकारी योजनाएं तैयार की गईं। पायलट ने बीजेपी पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, यह कोई गोपनीय बात नहीं है कि बीजेपी जातिगत जनगणना के विरोध में रही है। वर्षों तक उन्होंने इसका मजाक उड़ाया और अब जब राहुल गांधी और विपक्ष लगातार दबाव बना रहे हैं, तब दिखावे के लिए अधिसूचना निकाल दी गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं जाति आधारित जनगणना को 'अर्बन नक्सल' विचारधारा से प्रेरित बताकर खारिज कर चुके हैं। ऐसे में यह यू-टर्न केवल राजनीतिक मजबूरी है, न कि सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता।

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