भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर की 4 और पंजाब की 1 राज्यसभा सीट के चुनाव की तारीखें घोषित कीं। मतदान 24 अक्टूबर को होगा और उसी दिन मतगणना के बाद नतीजे जारी होंगे।
Election 2025: भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने जम्मू-कश्मीर की चार और पंजाब की एक राज्यसभा सीट के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। लंबे समय से खाली पड़ी इन सीटों को भरने के लिए अब औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। आयोग ने बताया कि मतदान 24 अक्टूबर को होगा और उसी दिन शाम को मतगणना की जाएगी।
अधिसूचना 6 अक्टूबर को जारी
निर्वाचन आयोग के अनुसार इन सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना 6 अक्टूबर को जारी होगी। इसके बाद उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 13 अक्टूबर तय की गई है। नामांकन पत्रों की जांच 14 अक्टूबर को होगी, जबकि उम्मीदवार अपने नामांकन 16 अक्टूबर तक वापस ले सकते हैं।
मतदान और मतगणना की तिथि
मतदान 24 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। इस दौरान निर्वाचक मंडल के सदस्य अपने मत डाल सकेंगे। वोटों की गिनती मतदान खत्म होने के बाद उसी दिन शाम 5 बजे से शुरू होगी और परिणाम जल्द ही घोषित कर दिए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीटें क्यों खाली थीं
पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को 2019 में दो केंद्र शासित प्रदेशों — जम्मू-कश्मीर (विधानसभा सहित) और लद्दाख (विधानसभा रहित) — में विभाजित किया गया था। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत राज्यसभा की चार सीटें जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को आवंटित की गई थीं। लेकिन विधानसभा के अभाव में इन सीटों पर चुनाव नहीं हो पाए थे।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि मौजूदा चार सीटें उन सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद से खाली पड़ी थीं क्योंकि निर्वाचक मंडल (electoral college) उपलब्ध नहीं था। अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा के गठन के बाद इन सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव संभव हो पाए हैं।
पंजाब की एक सीट पर भी होगा चुनाव
जम्मू-कश्मीर की चार सीटों के साथ पंजाब की एक राज्यसभा सीट पर भी इसी शेड्यूल के तहत चुनाव कराया जाएगा। पंजाब में यह सीट भी कार्यकाल समाप्त होने के कारण खाली हुई थी।
राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज
चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर और पंजाब में राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। राज्यसभा चुनाव में आमतौर पर विधानसभा सदस्य (MLAs) वोट डालते हैं, इसलिए पार्टियों के बीच जोड़-तोड़ और रणनीति की कवायद तेज हो गई है। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में बनी विधानसभा का यह पहला बड़ा राजनीतिक परीक्षण माना जा रहा है।