राजस्थान के जोधपुर शहर में डॉक्टरों ने एक ऐसा दुर्लभ ट्यूमर ऑपरेशन से निकाला है, जिसे देखकर खुद सर्जन भी चौंक गए। 42 वर्षीय महिला के पेट में यह ट्यूमर पिछले 2 वर्षों से विकसित हो रहा था, लेकिन लक्षण सामान्य होने के कारण इसकी पहचान नहीं हो पा रही थी। जांच में सामने आया कि यह एक रेयर पैरोवेरियन ट्यूमर था, जो दुनियाभर में लगभग 50 लाख लोगों में से किसी एक को होता है।
महिला को मामूली दर्द, मगर अंदर पल रहा था 'विशाल खतरा'
जोधपुर की रहने वाली रीना चौधरी (परिवर्तित नाम), पिछले कुछ महीनों से हल्के पेट दर्द और सूजन की शिकायत कर रही थीं। शुरुआती जांच में गैस्ट्रिक समस्या समझी गई, लेकिन दर्द बढ़ने और पेट असामान्य रूप से फूलने पर उन्होंने जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टरों ने जब अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन किया तो उनके होश उड़ गए — महिला के पेट में एक 10 किलोग्राम से ज्यादा वजनी ट्यूमर मौजूद था, जो कई अंगों पर दबाव बना रहा था। तत्काल सर्जरी की सलाह दी गई।
बीमारी का नाम सुनकर चौंके परिजन
यह ट्यूमर पैरोवेरियन सेरॉस सिस्टाडेनोमा नामक दुर्लभ श्रेणी में आता है। यह अंडाशय के पास मौजूद उप-ऊतक से उत्पन्न होता है, और अधिकतर मामलों में बिना लक्षणों के बढ़ता रहता है। इस बीमारी के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. नीलेश माथुर ने बताया, यह केस चिकित्सा की भाषा में 'साइलेंट किलर' कहा जा सकता है। यह ट्यूमर महिला के अन्य अंगों जैसे किडनी, आंत और लिवर को धीरे-धीरे दबा रहा था, लेकिन सौभाग्य से कैंसरस नहीं था।
ऑपरेशन चला 4 घंटे, 7 डॉक्टरों की टीम ने किया कमाल
इस जटिल ऑपरेशन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाई गई। सर्जरी चार घंटे तक चली, जिसमें ट्यूमर को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। ऑपरेशन के दौरान विशेष सावधानी बरती गई ताकि महिला के प्रजनन अंग और अन्य आंतरिक संरचनाएं सुरक्षित रहें। सर्जरी के बाद मरीज को आईसीयू में 24 घंटे निगरानी में रखा गया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। डॉक्टरों का कहना है कि महिला को अब कोई खतरा नहीं है और 15 दिनों में सामान्य जीवन जी सकती है।
समय पर जांच न होती तो स्थिति हो सकती थी गंभीर
डॉक्टरों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि महिला कुछ और समय तक इलाज में देरी करती, तो यह ट्यूमर कैंसर में भी तब्दील हो सकता था या फिर आसपास के अंगों को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा सकता था। यह केस न केवल चिकित्सा की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि यह आम लोगों के लिए एक सर्तकता संदेश भी है कि अगर शरीर में असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
इस ऑपरेशन ने जोधपुर के चिकित्सा क्षेत्र को एक नई पहचान दिलाई है। अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों की टीम को सम्मानित करने की घोषणा की है। मेडिकल छात्रों के लिए यह केस एक उदाहरण बन गया है और इसे मेडिकल जर्नल्स में प्रकाशित करने की तैयारी भी चल रही है।