जयपुर के SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई। राजस्थान सरकार ने जांच समिति गठित कर हादसे के कारणों और फायर सेफ्टी व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है।
जयपुर: सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात लगी आग ने चिकित्सा क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। इस हादसे में न्यूरो आईसीयू में भर्ती आठ मरीजों की जान चली गई। राज्य सरकार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए छह सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है, जो आग लगने के कारण, अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और फायर सेफ्टी सिस्टम की समीक्षा करेगी।
ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से 8 मरीजों की मौत
हादसा रविवार देर रात ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू में हुआ। आग लगने के तुरंत बाद मरीज और उनके परिजन घबरा गए। अस्पताल स्टाफ ने प्रारंभिक तौर पर आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। घटना के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए, जिससे लोगों में चिंता और आक्रोश बढ़ गया।
फायर ब्रिगेड और अस्पताल की आपातकालीन टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। राहत की बात यह रही कि फायर सर्विस की त्वरित कार्रवाई से आग को अन्य वार्ड तक फैलने से रोका गया। परंतु, आईसीयू में भर्ती आठ मरीजों की मौत हो गई।
जांच समिति ने हादसे की जांच शुरू की
राजस्थान सरकार ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए छह सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। समिति की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त अविकल खन्ना करेंगे। सदस्यों में अस्पताल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, विद्युत विभाग के इंजीनियर, SMS मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी शामिल हैं।
जांच समिति का काम घटना के कारणों का पता लगाना, फायर सेफ्टी प्रोटोकॉल की स्थिति की समीक्षा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के उपाय सुझाना होगा। समिति जल्द ही स्थल निरीक्षण करेगी और विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।
हादसे से नेता और परिजन नाराज
हादसे के तुरंत बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह अस्पताल पहुंचे। परिजनों ने अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि आग लगने की सूचना अस्पताल प्रशासन को लगभग 20 मिनट पहले ही दी गई थी, लेकिन इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट करके प्रार्थना की कि इस तरह की घटनाओं में न्यूनतम जनहानि हो और राज्य सरकार उच्च स्तरीय जांच के माध्यम से भविष्य में पुनरावृत्ति रोकने के उपाय सुनिश्चित करे।