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किस्तों में क्यों मिलता है कंस्ट्रक्शन लोन? जानिए पूरी प्रक्रिया

किस्तों में क्यों मिलता है कंस्ट्रक्शन लोन? जानिए पूरी प्रक्रिया

बड़ी संख्या में लोग अपने सपनों का घर बनवाने की योजना बना रहे हैं। खासकर छोटे शहरों और कस्बों में जहां अब भी लोग खुद की ज़मीन पर अपना घर बनवाना पसंद करते हैं। ऐसे में सबसे आम सवाल उठता है कि खुद की ज़मीन पर घर बनवाने के लिए बैंक से लोन कैसे मिलेगा और इसके लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

क्या होता है सेल्फ-कंस्ट्रक्शन होम लोन

सेल्फ-कंस्ट्रक्शन होम लोन एक खास तरह का होम लोन होता है जो घर खरीदने के लिए नहीं बल्कि घर बनाने के लिए लिया जाता है। इसमें बैंक या फाइनेंस कंपनी आपको आपकी खुद की जमीन पर घर बनाने के लिए पैसे देती है। इस लोन में पूरा पैसा एक बार में नहीं मिलता, बल्कि मकान बनाने की प्रगति के हिसाब से किश्तों में जारी किया जाता है।

बैंक हर किश्त देने से पहले साइट पर जांच करता है और यह सुनिश्चित करता है कि निर्माण काम योजना के मुताबिक चल रहा है या नहीं। इस लोन का फायदा यह होता है कि आप अपनी पसंद और जरूरत के मुताबिक मकान बनवा सकते हैं।

लोन के लिए कौन कर सकता है आवेदन

  • कोई भी भारतीय नागरिक जो 18 से 75 वर्ष की आयु सीमा में है, इस लोन के लिए आवेदन कर सकता है
  • आवेदक वेतनभोगी, स्वरोजगार या व्यवसायी कोई भी हो सकता है
  • आपके पास खुद की जमीन होनी चाहिए, जिस पर आप मकान बनवाना चाहते हैं
  • जमीन पर कोई कानूनी विवाद नहीं होना चाहिए और वह आवेदक के नाम पर रजिस्टर्ड होनी चाहिए
  • आपकी मासिक आय कम से कम ₹25,000 होनी चाहिए
  • मकान बनाने का नक्शा संबंधित प्राधिकरण से पास होना चाहिए

कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होंगे

बैंक से लोन लेने के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होती है। ये दस्तावेज इस तरह से हैं:

  • पहचान पत्र: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस
  • पता प्रमाण पत्र: बिजली का बिल, पानी का बिल, रेंट एग्रीमेंट, पासपोर्ट आदि
  • जमीन के कागजात: रजिस्टर्ड सेल डीड, टाइटल डीड, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद, एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट
  • आय प्रमाण: वेतनभोगी लोगों के लिए सैलरी स्लिप, फॉर्म-16, और ITR
  • स्वरोजगार या व्यवसायी के लिए: पिछले तीन वर्षों का इनकम टैक्स रिटर्न
  • बैंक स्टेटमेंट: 3 से 6 महीने का बैंक खाता विवरण
  • निर्माण लागत का अनुमान: किसी मान्यता प्राप्त इंजीनियर या आर्किटेक्ट से तैयार और सर्टिफाईड लागत अनुमान
  • स्वीकृत नक्शा: नगरपालिका या स्थानीय प्राधिकरण से पास नक्शा

कितना लोन मिल सकता है

बैंक आमतौर पर कुल निर्माण लागत का 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक लोन देने के लिए तैयार होते हैं। आपकी आय, क्रेडिट स्कोर और जमीन की वैल्यू के आधार पर लोन राशि तय होती है।

ब्याज दरें और फीस की जानकारी

सेल्फ-कंस्ट्रक्शन होम लोन की ब्याज दरें आमतौर पर 7.5 प्रतिशत से शुरू होकर 19 प्रतिशत तक जा सकती हैं। यह आपकी क्रेडिट प्रोफाइल और बैंक के नियमों पर निर्भर करता है।

  • प्रोसेसिंग फीस: कुल लोन राशि का 0.5 प्रतिशत से लेकर 2 प्रतिशत तक
  • साइट निरीक्षण शुल्क: यह एक अतिरिक्त शुल्क होता है जो बैंक द्वारा हर किस्त से पहले साइट विजिट पर लिया जाता है

लोन की किश्तें कैसे मिलती हैं

सेल्फ-कंस्ट्रक्शन होम लोन में राशि एक साथ नहीं मिलती। लोन को चार से पांच चरणों में जारी किया जाता है, जैसे कि:

  • नींव का काम
  • प्लिंथ लेवल
  • छत तक निर्माण
  • फिनिशिंग का काम

हर स्टेज पर बैंक टीम आकर साइट निरीक्षण करती है और रिपोर्ट के आधार पर अगली किस्त जारी की जाती है।

टैक्स में भी फायदा मिलता है

सेल्फ-कंस्ट्रक्शन होम लोन पर टैक्स छूट का लाभ भी लिया जा सकता है। जैसे:

  • धारा 80C के तहत मूलधन (Principal) पर सालाना ₹1.5 लाख तक की छूट
  • धारा 24B के तहत ब्याज (Interest) पर सालाना ₹2 लाख तक की छूट

हालांकि, ये टैक्स लाभ मकान निर्माण पूरा होने के बाद ही लागू होते हैं।

कंस्ट्रक्शन के दौरान किन बातों का रखा जाता है ध्याननक्शा पास होना जरूरी है

  • नक्शा पास होना जरूरी है
  • निर्माण की रफ्तार सही होनी चाहिए
  • लागत का अनुमान सटीक होना चाहिए
  • हर चरण की फोटोग्राफी और दस्तावेज तैयार रखने होते हैं
  • बैंक की टीम समय-समय पर विजिट कर सकती है

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